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अगर आप भी रख रही व्रत, तो भूलकर भी न करें ये गलती, वरना अधूरा रह जाएगा छठ पूजा का फल

Chhath Puja 2025
Chhath Puja 2025

Chhath Puja 2025: छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का एक महापर्व है। जो आज देश भर में लोकप्रिय बना हुआ है। यह महापर्व आज यानी 25 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। यह व्रत चार दिनों तक चलता है और इसमें पवित्रता, संयम और भक्ति का विशेष महत्व है। व्रत रखने वाली महिलाएँ इस दौरान कड़े नियमों का पालन करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर व्रत के दौरान कोई भी चूक हो जाए, तो पूजा का पूरा फल नष्ट हो जाता है, तो चलिए जानते हैं कि पूजा के दौरान कौन सी गलती भूल से भी नहीं करनी चाहिए।

1. अर्घ्य देने से पहले कुछ भी न खाएँ

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व्रत रखने वाली महिलाओं को सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। ऐसा करने से व्रत की पवित्रता भंग होती है। व्रती को अपने तन और मन दोनों को शुद्ध रखने के लिए पूरे दिन ज़मीन पर सोना चाहिए।

2. धातु के बर्तनों का प्रयोग न करें

छठ पूजा के दौरान मिट्टी के बर्तनों और चूल्हे का विशेष महत्व होता है। पूजा के दौरान स्टील, चाँदी, पीतल या प्लास्टिक जैसे किसी भी धातु के बर्तन का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह नियम पवित्रता और पारंपरिक मान्यताओं से जुड़ा है।

3. प्रसाद को बिना खाए न छोड़ें

छठ पूजा का प्रसाद बनाते समय कुछ भी न खाएँ। प्रसाद बनाने से पहले या उसके दौरान कुछ भी खाना अशुद्ध माना जाता है और इससे पूजा का फल नहीं मिलता।

4. पूरी तरह साफ़-सफ़ाई रखें

छठ पूजा के दौरान साफ़-सफ़ाई का बहुत महत्व है। व्रती को स्वयं को और आस-पास के क्षेत्र को साफ़ रखना चाहिए। पूजा से जुड़ी किसी भी चीज़ को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह धोने चाहिए।

5. तामसिक भोजन से बचें

पूरे व्रत के दौरान केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए। लहसुन, प्याज, मांस, मछली, अंडे या शराब जैसे तामसिक खाद्य पदार्थों का सेवन पूरी तरह से त्याग करना चाहिए। यह छठी मैया की पूजा की शुद्धता के लिए आवश्यक है।

6. प्रसाद तैयार करने के स्थान को साफ़ रखें

छठ पूजा का प्रसाद तैयार करने के स्थान पर भोजन न करें। साथ ही, उस स्थान को हमेशा साफ़ रखें। केवल भक्ति और अनुशासन के साथ किया गया व्रत ही छठी मैया को प्रसन्न करता है।

7. अर्घ्य देने के समय की अनदेखी न करें

सूर्य को अर्घ्य देने का समय छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण क्षण होता है। इसे छोड़ देने या इसमें देरी करने से व्रत की पूर्णता प्रभावित हो सकती है। अर्घ्य सूर्योदय और सूर्यास्त के ठीक समय पर दिया जाना चाहिए।

छठ पूजा के दौरान, व्रती को पूरे मन और श्रद्धा से नियमों का पालन करना चाहिए। किसी भी नियम को हल्के में लेने या लापरवाही बरतने से व्रत का महत्व कम हो जाता है। व्रती को किसी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। छठ पूजा के दौरान शांत रहें और शांत मन से पूजा करें।

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