Electric vehicles: आजकल गाड़ियों से निकलने वाले धुंए से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कई प्रयास कर रही है। पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों (Electric vehicles) के अलावा सरकार कंवेंशनल हाइब्रिड, हाइड्रोजन इंटर्नल कम्बूयशन इंजन जैसे प्लेटफॉर्म पर तैयार गाड़ियों के टैक्स में छूट देने वाली है। सरकार के इस फैसले के उद्देश्य से देश के नागरिकों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए प्रोत्साहित करना है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने से प्रदूषण कम होगा।
सरकार और वित्त मंत्रालय में चर्चा
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि ‘प्रदूषण में कमी का लक्ष्य सिर्फ बैटरी इलेक्ट्रिक गाड़ियों से पूरा नहीं होगा बल्कि इसके लिए अन्य तकनीकों को भी इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे बताया कि सरकार और वित्त मंत्रालय में इसे लेकर चर्चा हो रही है।’
इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा इन पर भी होगा फोकस
बाजार में इलेक्ट्रिक व्हीकल के बाद प्लग-इन हाइब्रिड ऑटोमोबाइल, फ्यूल-सेल इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल और कंवेंशनल हाइब्रिड इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल जैसी गाड़ियों पर भी सरकार फोकस कर रही है।
क्या है हाइब्रिड कार?
अगर आप हाइब्रिड कार के बारे में नहीं जानते तो हम आपको बताते है क्या होती है हाइब्रिड कार। हाइब्रिड गाड़ियों में दो मोटर्स दिए गए होते है और इसमें पेट्रोल और बैटरी दोनों पर काम करती है। पेट्रोल से चलने पर इन हाइब्रिड गाड़ियों की बैटरी अपने आप चार्ज हो जाती है।
कितन लगता है टैक्स?
अभी सरकार इन पैसेंजर गाड़ियों पर 28 प्रतिशत का जीएसटी शुल्क लगाती है ,जबकि बैटरी वाले इलेक्ट्रिक वाहन (BEVs) के लिए आरक्षित है इन पर 5 प्रतिशत ही टैक्स लगता है। जिन वाहनों पर 28 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है उनके बेस फीस पर 1 प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक का सेस लगाया जाता है। वहीं, हाइब्रिड वाहनों पर 43 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है।