इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने वालों को पहले साल में 10,000 रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है सब्सिडी बैटरी पावर पर आधारित है,
5,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा (kWh), लेकिन पहले वर्ष में 10,000 रुपये से अधिक नहीं।
दूसरे वर्ष में 5,000 रुपये के अधिकतम लाभ के साथ सब्सिडी घटाकर 2,500 रुपये प्रति किलोवाट कर दी जाएगी।
अन्य वाहनों के लिए सब्सिडी:
ई-रिक्शा खरीदने वालों को पहले साल 25,000 रुपये और दूसरे साल 12,500 रुपये की सब्सिडी मिलेगी
कार्गो थ्री-व्हीलर खरीदारों (एल5 श्रेणी) को पहले साल में 50,000 रुपये और दूसरे साल में 25,000 रुपये का फायदा होगा।
पात्रता और दावा सब्सिडी:
खरीदारों को आधार के माध्यम से अपनी खरीदारी को प्रमाणित करना होगा और पीएम ई-ड्राइव पोर्टल पर डीलर के हस्ताक्षरित दस्तावेजों के साथ एक सेल्फी अपलोड करनी होगी।
इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रकों के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी
सरकार की उम्मीदें:
सरकार को उम्मीद है कि नई योजना के तहत वार्षिक दोपहिया वाहनों की बिक्री का 10 प्रतिशत और तिपहिया वाहनों की बिक्री का 15 प्रतिशत इलेक्ट्रिक होगा।
पीएम-ईबस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र का लक्ष्य 3,435 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ 38,000 इलेक्ट्रिक बसें लाने का है।
बजट आवंटन:
पीएम ई-ड्राइव योजना का बजट 10,900 करोड़ रुपये है
पीएम-ईबस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र का बजट 3,435 करोड़ रुपये है
इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी के लिए कुल 3,679 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं