राहुल शर्मा
दिल्ली। एनआईए के रिकॉर्ड में लॉरेंस सिंडिकेट का हालाकि काफी चिट्ठा मौजूद है। मगर बावजूद इसके इस गैंग की सक्रियता और इसके सदस्यों की तादात लगातार बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं इस सिंडिकेट का दायरा भी देश-विदेशों में लगातार बढ़ता जा रहा है।
एनआई के रिकॉर्ड के मुताबिक अपहरण, हत्या, फिरौती के लिए जबरन वसूली, अत्याधुनिक हथियारों और नशीले पदार्थों की सीमा पार तस्करी, प्रतिबंधित पदार्थों की अंतर्देशीय तस्करी, अवैध शराब की तस्करी, इस आतंकी सिंडिकेट की मुख्य गतिविधियां हैं।
फरवरी में हुआ था सिंडिकेट का भंडाफोड़
पिछले दिनों दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने लॉरेंस बिश्नो ई, गोल्डी बराड़, काला जठेड़ी और संपत नेहरा की अगुआई वाले गिरोह की ओर से चलने वाले जबरन वसूली मॉड्यूल का खुलासा किया था।
इन आपराधिक सिंडिकेट से जुड़े आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इसी दौरान इनके अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क का पता चला था। इसी दौरान हुआ था कि ये सिंडिकेट अपनी गतिविधियों के लिए किशोरों को लुभाने और विदेशों में लग्जरी
लाइफस्टाइल और इन्वेस्टमेंट के लिए उगाही गई धनराशि का उपयोग करता है। यह इंटरनेशनल सिंडिकेट दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में काम कर रहा है।
फंडिंग छिपाने का गैंग का गजब तरीका
पुलिस की पड़ताल में खुलासा हुआ था कि सिंडिकेट ने एक रिफाइंड सिस्टम तैयार किया हुआ है। जिससे लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों के लिए अपने विदेशी फंडों को ट्रैक करना मुश्किल हो गया था। जबरन वसूली रैकेट के भीतर हर सदस्य की एक अच्छी तरह से डिफाइन जिम्मेदारियां थीं, जो हाई लेवल के कारोबार को दिखाती है।