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UP NEWS : डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड में 11 साल बाद आखिर क्यों मिली राजा भैया को क्लीन चिट?

11 साल पहले हुए डीएसपी मर्डर में अब हुए बड़े खुलासे. सीबीआई की विशेष अदालत ने हत्याकाड़ में 10 लोगों को ठेराया आरोपी.

UPNEWS: प्रतापगढ़ के कुंडा से खबर सामने आ रही है की डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड में सीबीआई की स्पेशल अदालत ने 10 आरोपियों को दोषी ठहरा दिया. बताया जा रहा है की इस केस की सजा 9 अक्टूबर को लखनऊ में खास आदालत में सुनाई जाएगी.

जानें पुरा मामला

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लखनऊ में सीबीआई की खास अदालत ने अपराधियों का नाम फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन, छोटे लाल यादव, राम आश्रय, मुन्ना लाल यादव, शिवराम पासी और जगत पाल बताया हैं. सीबीआई की जांच के मुताबिक साल 2013 में कुंडा के डीएसपी बालीपुर इलाके में प्रधान नन्हा यादव से मिलने गए थे . डीएसपी के वहां पहुचने से पहले नन्हा यादव अपनी आखिरी सांसें ले रहे थे. नन्हा यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके चलते इलाके में काफी हड़कंप मचा हुआ था. रात सवा आठ बजे बलीपुर गांव के कामता पाल के घर में लोगों ने आक्रोश में आग लगा दी. आक्रोश को शांत करवाने जब डीएसपी वहां पहुंचे तो उस हड़कंप के चलते डीएसपी पर पहले लाठी से वार किया गया फिर उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई. कहा जा रहा है, की 3 घंटे तक उनकी लाश प्रधान के घर के पीछे बुरी हालत में पड़ी हुई थी. जिया उल हक की शिकायत पर केस दर्ज किया गया.

किसका दोष ?

इस हत्याकांड में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का नाम सबसे आगे आया, आरोप ये था कि राजा भैया के मैनेजर ने डीएसपी पर गोली चलाई थी परंतु जांच पड़ताल में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है. सीबीआई ने इसकी कारण राजा भैया को क्लीन चिट दे दी थी. फिलहाल पुलिस इस केस में आरोपीयो को पकड़ चुकी है और उनकी सज़ा 9 अक्टुबर को सुनाई जाएगी.

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