गर्मियों में बच्चे को पूरे दिन घर में पैक करके रखना बहुत मुश्किल होता है। इस समय पूरे उत्तर भारत में इतनी गर्मी पड़ रही है कि बच्चों को गर्म हवा और धूप से बचाना बहुत जरूरी है। ये गर्मी इतनी खतरनाक होती है कि आपका बच्चा कई खतरनाक बीमारियों से ग्रसित हो सकता है।
चिलचिलाती गर्मी में ऐसे रखें अपने बच्चे का ख्याल
बढ़ते तापमान और चिलचिलाती गर्मी को अगर बड़े नहीं झेल पा रहे हैं तो बच्चे कैसे सहन कर पाएंगे? हम आपको बताएंगे कि 5 साल के बच्चे की देखभाल कैसे करें ताकि गर्मी उन्हें छू भी न सके। सबसे पहले तो लू के दौरान बच्चे को घर से बाहर न निकलने दें।
स्कूल, कोचिंग और खेल के दौरान भी लू लगने का खतरा रहता है। हीट वेव के कारण छोटे बच्चों को हीट स्ट्रोक, हीट स्ट्रेस, एलर्जी, सांस संबंधी समस्याएं, मच्छर से होने वाली बीमारियों के साथ-साथ हृदय रोग और डायरिया का खतरा अधिक होता है।
अपने बच्चे को खेलने के लिए बाहर ले जाते समय विशेष ध्यान रखें।
2-5 साल के बच्चे बहुत छोटे होते हैं। लू के दौरान उन्हें विशेष सुरक्षा की जरूरत होती है। सबसे पहले बच्चे को पूरी तरह हाइड्रेटेड रखें। बच्चा जितना हो सके उतना पानी पिए तो अच्छा है। छोटे बच्चे खुद से पानी नहीं पी पाते। जब तक बच्चा 2 साल से ज्यादा का न हो जाए, तब तक वह खुद से पानी नहीं पीता। ऐसे में माता-पिता या घर के बड़ों की जिम्मेदारी है कि समय-समय पर पानी देते रहें। इन सबके अलावा हाइड्रेटिंग ड्रिंक भी दें। जिससे बच्चे लू से लड़ने में सफल हो सकें।
धूप से बचाव का प्रयोग अवश्य करें
जब भी बच्चा बाहर जाए तो धूप से बचाव का प्रयोग अवश्य करें। ताकि उनकी त्वचा रूखी न हो जाए। बच्चे के चेहरे, गर्दन, हाथ और शरीर पर क्रीम अवश्य लगाएं।
बच्चे के सिर को टोपी और कपड़े से ढकना न भूलें। इससे बच्चे का सिर गर्म नहीं होगा।
सूती कपड़े पहनें
गर्मियों में अपने बच्चे को सूती और हल्के कपड़े पहनाएं। ये बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। इस दौरान बच्चे को मोटे कपड़े पहनाना बिल्कुल भी सही नहीं है। सूती जैसे प्राकृतिक कपड़ों से बने हल्के और ढीले कपड़े पहनें।
आउटडोर खेल का समय निर्धारित करें
अगर आप बच्चे को खेलने के लिए बाहर ले भी जाते हैं तो उसे 10 बजे से 2 बजे के बीच बाहर न जाने दें। बल्कि लू के दौरान उन्हें केवल शाम के समय ही खेलने दें, नहीं तो वे डिहाइड्रेशन के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों का भी शिकार हो जाएंगे।
गर्मियों में पंखे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि पंखे घर में गर्म हवा फेंकते रहते हैं। ऐसे में बच्चों के शरीर का तापमान संतुलित रहता है। यह न तो कम होगा और न ही अधिक।