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Math Dyslexia: कमजोरी नहीं बल्कि बीमारी है मैथ्स के आसान सवाल हल न कर पाना, जानें क्या है Solution

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Math Dyslexia: फिल्म तारे जमी पर तो देखी होगी और उसमें इशान अवस्थी याद है आपकों? जी हां वही मासूम सा बच्चा जिसके लिए शब्दों को समझना आसान नहीं था। फिर वो शब्द चाहें हिंदी के हों, इंग्लिश के या फिर मैथ्स के डिजिट्स और साइन्स। फिल्म में इशान को जिस बीमारी से पीड़ित बताया गया वो Dyslexia थी। ये एक तरह कि Mental Condition है। इसी तरह अगर किसी को maths के छोटे सवाल भी परेशान करते हैं। प्लस माइनस के Easy Calculation करने में ही पसीने छूट जाते हैं तो समझिए कि वो व्यक्ति या बच्चा Math Dyslexia का शिकार है। 

​क्या है Math Dyslexia?

Math Dyslexia से जूझने वाले लोगों को मैथ्स के कॉन्सेप्ट समझने में मुश्किल होती है। वो Numerical Data समझने में उलझ जाते हैं। जिसका नतीजा ये होता है कि नए-नए सवाल हल करने से कतराने लगते हैं। उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्कूल में रहते हुए मैथ्स की क्लास में निभा पाना उनके लिए मुश्किल हो जाता है।

Multiplication, Division, Fraction जैसे सवाल ही उनके लिए मुश्किल हो जाते हैं।
Reverse Counting, Counting में भी ऐसे लोग कंफ्यूज हो जाते हैं।
मैथ्स से जुड़े Board Games खेलने में भी वो परेशान हो जाते हैं।
तेजी से बोली जा रहीं Maths Digits और Symbols भी समझने में दिक्कत होती है।

लक्षण और कारण

इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में इसलिए समझ पाना मुश्किल होता है क्‍योंकि जो बच्चे सवाल हल नहीं कर पाते वो मैथ्स में वीक मान लिए जाते हैं। 

दो डिजिट के बीच बड़ी और छोटी डिजिट को तय कर पाना।
Counting Technique में भी वीक होना यानि गिनती करने में मुश्किल होना।
Numbers को पहचानने में वक्त लगना या फिर पहचान ही न पाना।
बिना Finger Calculation के मेंटली छोटे सवाल भी हल न कर पाना।

वैसे मैथ्स डिस्लेक्सिया के सही कारण का तो नहीं पता लेकिन माना जाता है कि ये Genetical तकलीफ बच्चे में आती है। इसके अलावा कम उम्र से ही मैथ्स का डर इस रोग का कारण बन जाता है।

​Math Dyslexia का इलाज

ये एक दिमागी तकलीफ है जिसका कोई सटीक इलाज नहीं है। लेकिन जिन्हें ये तकलीफ होती हैं उन्हें सामान्य बच्चों से ज्यादा समय विषय पर देने की जरूरत है। Regular Practice से थोड़ी बहुत परेशानी होने पर ही निजात मिल सकती है।

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