Stomach Worms: आंतों में परजीवी पनपना, जिन्हें आमतौर पर पेट के कीड़े के रूप में जाना जाता है। यह बच्चों में होने वाली बेहद आम समस्या मानी जाती है, लेकिन समय रहते इसके लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है, नहीं तो धीरे-धीरे पेट में संक्रमण होने लगता है। वैसे तो पेट में कीड़ों की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन यह समस्या बच्चों में अधिक देखी जाती है, जैसे गंदे हाथ मुंह में डालने, खेलने के तुरंत बाद उन्हीं हाथों से कुछ खाने आदि से कीटाणु दूर हो जाते हैं। जिससे बैक्टीरिया पनपते हैं।
बच्चों का वजन कम होना या लगातार पेट दर्द जैसी शिकायतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके पीछे का कारण पेट के कीड़े हो सकते हैं। फिलहाल लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लेकर दवा लेनी चाहिए। इसके अलावा इससे जुड़े कुछ मिथक भी हैं और इस वजह से लोग कई घरेलू नुस्खे भी आजमाने लगते हैं जो नुकसान पहुंचा सकते हैं। तो आइए जानते हैं पेट में कीड़े होने के लक्षण और इससे जुड़े मिथक।
पेट में कीड़े होने के लक्षण क्या हैं?
पेट के कीड़े बच्चे की वृद्धि और विकास में बाधा डालते हैं, इसलिए पेट दर्द, बार-बार मतली और उल्टी, वजन कम होना, थकान, भूख न लगना या अत्यधिक भूख लगना, गुदा में दरारें आदि जैसे लक्षणों को नजरअंदाज करना जरूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसके अलावा इससे पेट में कीड़े होने से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
पेट के कीड़ों के बारे में क्या मिथक हैं?
मुंह से लार निकलना
5 से लेकर करीब 9 से 10 महीने के बच्चे के मुंह से लार निकलना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। मुंह में लार का प्रचुर मात्रा में बनना पाचन के लिए अच्छा होता है। यह जरूरी नहीं है कि पेट में कीड़े होने पर मुंह से लार गिरे ही। हालांकि, अगर लार असामान्य तरीके से गिरती है तो मस्तिष्क विकार, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स जैसी समस्याएं इसके पीछे का कारण हो सकती हैं।
सोते समय दांत पीसना
कई बच्चों को दांत पीसने की आदत होती है, ज्यादातर लोगों का मानना होता है कि पेट में कीड़े होने के कारण बच्चा ऐसा कर रहा है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। बल्कि दांत पीसने के पीछे का कारण सोते समय सपने आना या कोई व्यवहारिक प्रतिक्रिया भी हो सकती है। कई बार जब बच्चे के दांत निकल रहे होते हैं तो वह दांत पीसने लगता है।
चेहरे पर रूखे धब्बों का बनना
त्वचा पर सूखे धब्बे बनने को लोग पेट में कीड़े होने से जोड़ते हैं। हालांकि, इसके पीछे का कारण शरीर में पानी की कमी है। त्वचा पर बहुत तेज़ साबुन या बॉडी वॉश का इस्तेमाल करना, त्वचा को ठीक से मॉइस्चराइज़ न करना भी इसका कारण हो सकता है।