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महाकुंभ पर साइबर अटैक का खतरा, डेटा लीक से सुरक्षा के लिए आईआईटी कानपुर सतर्क

Maha Kumbh 2025
Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज महाकुंभ में साइबर अपराधियों के लगातार हमले हो रहे हैं। आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि वे इन हमलों को रोकने में सक्षम हैं और महाकुंभ की डिजिटल सुरक्षा को मजबूत बनाए हुए हैं। विशेषज्ञों को संदेह है कि महाकुंभ में लगे कैमरों और मोबाइल उपकरणों से बैक-डोर के जरिए डेटा लीक हो सकता है। इस समस्या पर नजर रखते हुए कैमरों में बदलाव की संभावना पर विचार किया जा रहा है।

आईआईटी कानपुर उठा रहा डिजिटल सुरक्षा की जिम्मेदारी

आईआईटी कानपुर महाकुंभ की साइबर सुरक्षा के लिए विशेष जिम्मेदारी निभा रहा है। संस्थान के विशेषज्ञों ने बताया कि न केवल भारत, बल्कि विदेशों से भी हैकर्स सुरक्षा तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। आईआईटी की टीम लगातार निगरानी कर रही है और साइबर सुरक्षा के उपकरणों को अपडेट कर रही है। इस महाकुंभ से जुड़ी सभी डिजिटल गतिविधियों का अध्ययन कर एक विशेष रिपोर्ट और पुस्तक तैयार की जा रही है, जो अगले कुंभ की तैयारी में मददगार साबित होगी।

अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए महाकुंभ महत्वपूर्ण

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प्रोफेसर बिमल कुमार ने बताया कि लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, आईआईएम और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने पिछले तीन कुंभ मेलों का आर्थिक विश्लेषण किया है। इस बार भी 20 फैकल्टी और 50 शोधकर्ताओं की टीम महाकुंभ का गहन अध्ययन कर रही है। जीएसटी काउंसिल, ट्राई, टोल और ट्रेनों से जुड़े डेटा को भी इस अध्ययन में शामिल किया जा रहा है।

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साइबर सुरक्षा के लिए विशेष कदम

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि आईआईटी कानपुर की टीम महाकुंभ की साइबर और डिजिटल सुरक्षा में हरसंभव प्रयास कर रही है। सुरक्षा के आधुनिक उपकरण और तकनीकों का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि डेटा लीक जैसी घटनाओं से बचा जा सके। महाकुंभ की सुरक्षा और इसका आर्थिक महत्व इस आयोजन को और भी खास बनाता है।

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