Shahrukh Pathan encounter: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में रविवार रात एक बड़े पुलिस ऑपरेशन के दौरान खतरनाक अपराधी शाहरुख पठान मुठभेड़ में मारा गया। छपार थाना क्षेत्र में यूपी एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए उसे घेर लिया था। पुलिस को देखते ही शाहरुख ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में हुई कार्रवाई में वह घायल हो गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
- विज्ञापन -ये भीड़ किसी वली, फ़कीर या शहीद के जनाज़े की नहीं है, ये भीड़ उस शातिर अपराधी शाहरूख की है जिसे यूपी पुलिस एनकाउंटर में ढेर किया।
और लोग कहेंगे -समाज क्यों नहीं बदलता? pic.twitter.com/7qpqyPa9f3— Ravi Ranjan🇮🇳 (@RaviRanjanIn) July 15, 2025
Shahrukh Pathan, मूल रूप से खालापार (मुजफ्फरनगर) का रहने वाला था और अपराध की दुनिया में उसका नाम बड़े गैंगस्टरों के साथ जुड़ चुका था। पहले वह संजीव जीवा और बाद में मुख्तार अंसारी गैंग से जुड़कर अपराध की गंभीर घटनाओं को अंजाम देने लगा था। हत्या, डकैती, रंगदारी और अपहरण जैसे मामलों में उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज थे।
साल 2016 में जेल से फरार होने के बाद शाहरुख ने हरिद्वार में एक कंबल व्यापारी गोल्डी की हत्या कर सनसनी फैला दी थी। फिर 2024 में मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में आरोपी आसिफ जायदा की हत्या कर दी। इतना ही नहीं, इस केस के मुख्य गवाह आसिफ के पिता को भी मौत के घाट उतार दिया गया। इसके बाद पुलिस ने उस पर ₹50,000 का इनाम घोषित किया और वह दोबारा गिरफ्तार हुआ। गोल्डी हत्या मामले में कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।
करीब छह महीने पहले वह जमानत पर जेल से बाहर आया और फिर से गवाहों को धमकाने और उन पर हमले करने लगा। संभल जिले में उसने गवाही देने वालों को जान से मारने की धमकी दी, जिसके चलते एक और मामला दर्ज हुआ और वह फिर फरार हो गया।
एसटीएफ मेरठ यूनिट को 14 जुलाई को उसकी लोकेशन मिलने पर पुलिस ने छपार क्षेत्र में घेराबंदी की। मुठभेड़ के बाद मौके से एक पिस्टल, एक रिवॉल्वर, कारतूस और एक कार बरामद की गई। पुलिस ने इस ऑपरेशन को बड़ी सफलता बताया।
सोमवार को जब Shahrukh Pathan का शव उसके घर पहुंचा, तो हजारों की संख्या में लोग उसके जनाजे में शामिल हुए। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। जनाजे की भीड़ के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और लोग इस पर तरह-तरह की राय दे रहे हैं, जिससे समाज में अपराधियों को लेकर फैली सोच पर सवाल उठने लगे हैं।