Farrukhabad electricity crisis: फर्रुखाबाद जिले के गैसिंगपुर विद्युत उपकेंद्र पर शनिवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब बिजली की अनियमित आपूर्ति से परेशान निसाई गांव के ग्रामीण उपकेंद्र पहुंच गए। जानकारी के अनुसार, दोपहर करीब डेढ़ बजे गांव के प्रधान के पति की अगुवाई में लगभग 15 युवक और करीब 30 महिलाएं उपकेंद्र में घुस गईं। ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में लगातार बिजली की कटौती हो रही है और शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं किया गया।
विद्युत उपकेंद्र पर मौजूद जेई विनोद यादव ने Farrukhabad पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि ग्रामीण न सिर्फ गाली-गलौज कर रहे थे, बल्कि मारपीट पर भी उतारू हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि हंगामे के दौरान उपकेंद्र में बिजली बिल संग्रह के लिए रखे गए करीब 15 हजार रुपये निकाल लिए गए। इसके अलावा, ग्रामीणों ने उन्हें हाथ में रुपये पकड़ाकर जबरन वीडियो बनाकर घूस मांगने का झूठा आरोप लगाने की कोशिश की। साथ ही, उपकेंद्र में रखे गए लॉग बुक और अन्य सरकारी कागजात भी फाड़ दिए गए। जेई का दावा है कि एसएसओ से भी महिलाओं द्वारा थप्पड़ मरवाया गया।
दूसरी ओर, ग्रामीणों ने भी Farrukhabad बिजली विभाग के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे केवल बिजली आपूर्ति को लेकर बात करने उपकेंद्र गए थे, लेकिन वहां मौजूद कर्मचारियों ने उनकी महिलाओं से बदसलूकी की और अपशब्द कहे, जिससे गुस्से में आकर मामला बढ़ गया। उनका दावा है कि कर्मचारी लंबे समय से बिजली की समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं और जनता को जवाब तक नहीं देते।
मामले की जानकारी मिलने पर मोहम्मदाबाद थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से तहरीर मिली है। जेई की शिकायत पर 45 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। वहीं ग्रामीणों की तहरीर भी जांच में ली गई है। पुलिस ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोनों पक्षों की बातों को ध्यान में रखकर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस Farrukhabad घटना से एक बार फिर सामने आया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि प्रशासनिक विफलताओं का भी नतीजा है, जो सामाजिक तनाव को जन्म दे रहा है।