Azam Khan release: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की रिहाई मंगलवार सुबह 7 बजे होनी थी, लेकिन मामूली चूक ने पूरी प्रक्रिया रोक दी। जानकारी के अनुसार, उनकी रिहाई आठ हजार रुपये के चालान पर अटक गई है। सीतापुर जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि चालान जमा होने के बाद ही उन्हें जेल से बाहर भेजा जा सकेगा। चूंकि सुबह के वक्त कोर्ट बंद था, इसलिए चालान जमा नहीं हो सका। अब सुबह 10 बजे कोर्ट खुलने के बाद रकम जमा की जाएगी और तभी रिहाई संभव होगी।
इस बीच, बड़ी संख्या में समर्थक सीतापुर जेल के बाहर सुबह से ही जुट गए थे। सभी को उम्मीद थी कि लगभग 23 महीने बाद उनका नेता जेल से बाहर आएगा। यहां तक कि आजम खान के बेटे अदीब आजम भी अपने समर्थकों के साथ जेल पहुंचे। लेकिन रिहाई में हो रही देरी ने माहौल को असमंजसपूर्ण बना दिया।
Azam Khan के खिलाफ कुल 72 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से कई मामलों में उन्हें राहत मिल चुकी है। हाल ही में एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने 19 मामलों में उनकी रिहाई के आदेश दिए थे। इसी आधार पर उनकी रिहाई की तारीख तय की गई थी।
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हालांकि जेल से बाहर आने के बाद भी आजम खान की कानूनी परेशानियां खत्म नहीं होंगी। अदालत ने उन्हें अभिलेखों में हेराफेरी और साक्ष्य मिटाने के आरोपों वाले मामले में 1 अक्तूबर को पेश होने का आदेश दिया है। वहीं, शत्रु संपत्ति से जुड़े केस में हाल ही में दाखिल अतिरिक्त चार्जशीट में भी उनकी संलिप्तता बताई गई है। अदालत ने इस पर धारा 467, 471 और 201 का संज्ञान लिया है और उन्हें तलब किया है।
राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो Azam Khan की रिहाई समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा उत्साहजनक क्षण हो सकता है। उनके समर्थक लंबे समय से उनके जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। अब सभी की नजर इस बात पर है कि जेल से निकलने के बाद आजम खान किस तरह की राजनीतिक भूमिका निभाते हैं।