CM Yogi News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों एक नया तनाव सामने आया है, जिसमें भाजपा के मंत्री और विधायक अफसरों की मनमानी को लेकर मुखर हो गए हैं। सरकारी अधिकारियों के रवैये से नाराज कई नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक शिकायतें पहुंचाई हैं। इन विवादों को थामने और प्रशासनिक सामंजस्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने ‘मंडलवार संवाद’ की शुरुआत की है, जिसमें जनप्रतिनिधि और अफसर एक साथ बैठकर क्षेत्रीय विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं।
पिछले कुछ महीनों में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने खुलकर अफसरों के खिलाफ नाराजगी जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि अधिकारी फोन तक नहीं उठाते। इसी तरह राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कानपुर पुलिस के खिलाफ धरना देकर अपनी नाराजगी जताई थी। बुनियादी ढांचा मंत्री नंद गोपाल नंदी ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अधिकारियों पर अनदेखी और पक्षपात के आरोप लगाए थे। तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने यहां तक कहा कि अफसर सरकारी फंड का इस्तेमाल उनकी पार्टी को बदनाम करने में कर रहे हैं।
दूसरी ओर, अधिकारियों की ओर से भी आवाज उठी है कि जनप्रतिनिधि उन पर अनुचित दबाव डालते हैं। सचिवालय कर्मचारी संघ के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पहले ही अधिकारियों से साफ कह दिया है कि वे बिना डर और दबाव के काम करें, लेकिन कुछ विधायक और मंत्री व्यक्तिगत हित साधने के लिए नियमों की अनदेखी कराते हैं।
CM Yogi की ओर से शुरू किए गए ‘मंडलवार संवाद’ कार्यक्रम के तहत अब तक झांसी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ मंडलों की समीक्षा बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में हजारों करोड़ की परियोजनाओं को अंतिम मंजूरी मिली है। साथ ही यह भी तय किया गया कि अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों को हर योजना की जानकारी देनी होगी और उनके सुझावों पर अमल करते हुए रिपोर्ट भी बनानी होगी। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिया है कि शिलान्यास व उद्घाटन पट्टिकाओं पर स्थानीय विधायकों और सांसदों के नाम प्रमुखता से लिखे जाएं।
विधायक और मंत्री अब इस संवाद के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं। कुछ जिलों में अधिकारियों का तबादला भी हुआ है, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि सरकार इन शिकायतों को हल्के में नहीं ले रही। आने वाले पंचायत और विधानसभा चुनावों को देखते हुए CM Yogi का यह कदम संगठनात्मक मजबूती के लिहाज से अहम माना जा रहा है।