Disha Patani house shooting: गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र में बुधवार देर शाम पुलिस और कुख्यात बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में बड़ा खुलासा हुआ। यह वही शूटर थे जिन्होंने हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के बरेली स्थित घर और उनके पिता, सेवानिवृत्त डीएसपी जगदीश सिंह पाटनी पर फायरिंग की थी। पुलिस कार्रवाई में दोनों बदमाश मारे गए, लेकिन इससे पहले उन्होंने चार पुलिसकर्मियों को गोली मार दी। घायल हुए पुलिसकर्मी दिल्ली स्पेशल सेल और नोएडा एसटीएफ से जुड़े हैं। उनकी पहचान रोहित तोमर, कैलाश, अंकुर सिंह और जय कुमार के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, मारे गए अपराधियों की पहचान हरियाणा के रविन्द्र उर्फ बिन्दर (रोहतक) और अरुण (सोनीपत) के रूप में हुई। दोनों कुख्यात रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग के सक्रिय सदस्य थे। ये गिरोह लंबे समय से हत्या, रंगदारी और आतंकी जैसी वारदातों को अंजाम देते आ रहे हैं। पुलिस ने घटनास्थल से तुर्की निर्मित जिगाना पिस्टल, एक ग्लाक, दर्जनों कारतूस और अपॉचे मोटरसाइकिल बरामद की।
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जांच में सामने आया कि रविन्द्र का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है। उसने 2022 में पानीपत में एक हत्या, 2024 में फतेहाबाद में पुलिस कस्टडी से कैदी छुड़ाने की कोशिश और 2025 में Disha Patani के घर पर फायरिंग जैसे संगीन अपराध किए थे। रविन्द्र और अरुण दोनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
11 सितंबर को बरेली में Disha Patani के घर पर सुबह गोलियां चलीं और अगले दिन उनके पिता को भी निशाना बनाया गया। इसी मामले की जांच नोएडा एसटीएफ को सौंपी गई थी। एसटीएफ को सूचना मिली कि दोनों शूटर गाजियाबाद क्षेत्र से गुजरने वाले हैं। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें रोकने की कोशिश की। गिरफ्तारी से बचने के लिए बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें 15 मिनट तक गोलियां चलती रहीं। जवाबी कार्रवाई में दोनों ढेर हो गए।
एनकाउंटर के दौरान बरामद जिगाना पिस्टल ने भी ध्यान खींचा। तुर्की में बनने वाली यह पिस्टल पाकिस्तान से ड्रोन या नेपाल बॉर्डर के रास्ते भारत लाई जाती है और गैंगस्टरों को 4 से 7 लाख रुपये में बेची जाती है। इसकी लोकप्रियता इसलिए है क्योंकि यह फायरिंग के दौरान कभी जाम नहीं होती। यही हथियार प्रयागराज में अतीक अहमद- अशरफ की हत्या और पंजाब में सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी इस्तेमाल हो चुका है।
संयुक्त कार्रवाई में नोएडा एसटीएफ, दिल्ली स्पेशल सेल, हरियाणा एसटीएफ और यूपी पुलिस की टीमें शामिल रहीं। फिलहाल पुलिस बदमाशों के बाकी नेटवर्क और सहयोगियों की तलाश कर रही है।