Ghaziabad: गाजियाबाद स्कूल में तिलक-कलावा पर बवाल, छात्राओं को बाहर निकालने से मचा हंगामा

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Ghaziabad Tilak Kalava School dispute: गाजियाबाद के विजयनगर स्थित राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में मंगलवार को एक धार्मिक प्रतीक को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। मामले की शुरुआत तब हुई जब कुछ छात्राएं माथे पर तिलक और हाथ में कलावा पहनकर स्कूल आईं। आरोप है कि शिक्षिकाओं ने उन्हें यह प्रतीक हटाने के लिए कहा, लेकिन छात्राओं ने इंकार कर दिया। इसके बाद उन्हें कक्षा से बाहर भेज दिया गया, जिससे स्कूल में हलचल मच गई।

घटना की जानकारी तेजी से बाहर फैली और हिंदू संगठनों को इसकी खबर लगते ही उनके कार्यकर्ता विद्यालय के बाहर पहुंच गए। देखते ही देखते बड़ी संख्या में अभिभावक भी मौके पर आ गए। इस दौरान स्कूल के बाहर और अंदर दोनों जगह शिक्षिकाओं और लोगों के बीच तीखी बहस होने लगी। माहौल तनावपूर्ण होते देख कई लोग वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगे, जिससे स्थिति और बिगड़ने का खतरा बढ़ गया।

हालात बिगड़ने से पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। विजयनगर थाने की टीम ने तुरंत हस्तक्षेप कर भीड़ को शांत किया और स्कूल परिसर में व्यवस्था बहाल की। Ghaziabad पुलिस अधिकारियों ने मौके पर मौजूद लोगों को समझाया कि पहले मामले की जांच की जाएगी और फिर ही कोई कार्रवाई होगी।

स्कूल की प्रिंसिपल डॉक्टर विभा चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें इस घटना की पहले से कोई जानकारी नहीं थी। उनका कहना था कि अगर किसी को आपत्ति थी, तो पहले स्कूल प्रशासन से औपचारिक शिकायत की जानी चाहिए थी, न कि सीधे हंगामा किया जाता। उन्होंने साफ कहा कि विद्यालय शिक्षा का स्थान है, यहां राजनीतिक या धार्मिक प्रदर्शन उचित नहीं है।

प्रिंसिपल ने यह भी स्पष्ट किया कि शिकायत मिलने पर स्कूल प्रशासन नियमों के तहत उचित कदम उठाता है, लेकिन बिना पूर्व सूचना के अचानक प्रदर्शन से माहौल बिगड़ता है और छात्राओं की पढ़ाई पर असर पड़ता है। उन्होंने सभी पक्षों से अपील की कि ऐसे मामलों में संयम बरता जाए और पहले बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाए।

Ghaziabad पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल स्कूल में पढ़ाई सामान्य रूप से चल रही है, लेकिन घटना के बाद से स्थानीय अभिभावकों और संगठनों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है।

यह विवाद न केवल स्कूल प्रबंधन और छात्राओं के बीच मतभेद का परिणाम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि शिक्षा संस्थानों में धार्मिक प्रतीकों को लेकर संवेदनशीलता और विवाद की संभावनाएं हमेशा बनी रहती हैं। प्रशासन की नजर अब इस मामले के समाधान और भविष्य में ऐसे विवादों को रोकने पर है।