गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी में हापुड़-पिलखुवा के 16 गांव होंगे शामिल, शहर विस्तार को मिलेगा बल

26
GDA

GDA expansion plan: गाजियाबाद में गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीडीए) के दायरे का विस्तार होने वाला है। हापुड़ और पिलखुवा के 16 गांवों को जीडीए क्षेत्र में शामिल करने की योजना तैयार की गई है। मेरठ मंडलायुक्त के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय समिति ने इन गांवों को जीडीए के प्रशासनिक दायरे में लाने की रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत कर दी है। यह रिपोर्ट 27 अगस्त को प्रस्तावित जीडीए बोर्ड की बैठक में चर्चा के लिए रखी जाएगी, जहाँ इस विषय पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस फैसले से क्षेत्र के विकास को काफी तेजी मिलने की उम्मीद है।

जिन 16 गांवों को जीडीए क्षेत्र में शामिल किया जाना है, उनमें मसूरी के गंगा कैनाल के पूर्वी और पश्चिमी इलाके के अलावा नाहल, मोहउद्दीनपुर डबारस, निडोरी, मसौता, शामली, अफसरशाहपुर, अतरौली, अव्वलपुर, जोया, कनकपुर, औरंगाबाद दतेड़ी, मुकिमपुर, ईशकनगर, नहाली और नगौला अमिरपुर शामिल हैं। इन गांवों के जीडीए में शामिल होने से न केवल क्षेत्र की सीमाओं का विस्तार होगा, बल्कि यहां विकास योजनाओं को भी बल मिलेगा।

गाजियाबाद शहर का विस्तार और बेहतर विकास करना GDA की प्राथमिकताओं में शामिल है। मसूरी से सटे ये गांव शहरी विकास की योजनाओं का हिस्सा बनेंगे। इससे नई आवासीय और औद्योगिक परियोजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराई जा सकेगी। अधिकारियों ने बताया कि गाजियाबाद और हापुड़-पिलखुवा की सीमा से होकर गुजर रहे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य से भी इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इसके अलावा पिलखुवा की ओर प्रस्तावित ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की विजिबिलिटी स्टडी शुरू हो चुकी है, जो क्षेत्रीय विकास में एक नया आयाम जोड़ेगा।

जमीन के मामले में भी यह विस्तार आवश्यक है क्योंकि शहर के तेजी से बढ़ते विकास को ध्यान में रखते हुए जीडीए को अधिक जमीन की आवश्यकता है। पिछले भूलेखीय परीक्षणों और प्रशासनिक जांच में यह पुष्टि हुई है कि हापुड़-पिलखुवा के ये 16 गांव जीडीए की प्रशासनिक सीमा में आते हैं, इसलिए इन्हें शामिल करना जरूरी हो गया है।

इस वर्ष 18 मार्च को मेरठ में GDA की 168वीं बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को रखा गया था। बोर्ड ने इस विषय का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित की थी, जिसमें गाजियाबाद डीएम, हापुड़ डीएम, जीडीए उपाध्यक्ष, हापुड़-पिलखुवा उपाध्यक्ष और जीडीए सचिव शामिल थे। समिति ने क्षेत्र के अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है और इसे बोर्ड की अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।

GDA सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि 16 गांवों को जीडीए में शामिल करने की योजना पर काम तेज हो गया है। इस कदम से न केवल विकास योजनाओं को गति मिलेगी, बल्कि जीडीए की आय में भी वृद्धि होगी। साथ ही, शहर के हर वर्ग को इसका लाभ मिलेगा। गाजियाबाद का विस्तार और बेहतर नियोजन से शहर का कायाकल्प होगा और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस फैसले के बाद गाजियाबाद के विकास में एक नया अध्याय जुड़ने की उम्मीद है।