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Greater Noida: एलिवेटेड रोड से जाम में मिलेगी राहत, यीडा की ग्रुप हाउसिंग योजना पर संशय

Greater Noida

Greater Noida YEIDA group housing: ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र से दो महत्वपूर्ण खबरें सामने आई हैं। एक ओर, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए एक बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना गति पकड़ रही है, वहीं दूसरी ओर यीडा की ग्रुप हाउसिंग योजना में निवेशकों की कम रुचि चिंता का विषय बनी हुई है।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट: जाम से राहत के लिए 250 करोड़ की एलिवेटेड रोड

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Greater Noida वेस्ट में इटेड़ा गोलचक्कर से शाहबेरी होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-24 (NH-24) को जोड़ने वाली चार लेन की एलिवेटेड रोड जल्द ही हकीकत बन सकती है। यह लगभग 2.5 किलोमीटर लंबी सड़क है, जिसकी अनुमानित लागत 250 करोड़ रुपये है। इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसके लिए पाँच विशेषज्ञ सलाहकार फर्मों ने आवेदन किया है।

यह Greater Noida एलिवेटेड रोड क्षेत्र की लगातार बढ़ती आबादी और यातायात के दबाव को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। अगले दस वर्षों में ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 20 लाख से अधिक लोग बसने का अनुमान है। यह सड़क बनने से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक पहुंच आसान हो जाएगी, जिससे स्थानीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) से भी इसकी जांच हो चुकी है, जो इसकी तकनीकी व्यवहार्यता को सुनिश्चित करती है।

यीडा ग्रुप हाउसिंग: आवेदन को बचे सिर्फ 5 दिन, धीमी प्रगति चिंता का विषय

इसके विपरीत, यमुना विकास प्राधिकरण (यीडा) की ग्रुप हाउसिंग भूखंड योजना को निवेशकों से उम्मीद के मुताबिक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। इस योजना में आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 अक्टूबर है, जिसके बाद 28 नवंबर को नीलामी के जरिए भूखंड आवंटित किए जाएंगे।

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पिछली योजना में 17 भूखंडों में से केवल 1 के लिए ही बोली लगी थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निवेशकों का रुझान इस ओर कम है। हालांकि यीडा ने इस बार सेक्टर 17, 18 और 22 डी में नई योजना निकाली है, लेकिन नीलामी के लिए हर भूखंड पर कम से कम 3 आवेदन होना अनिवार्य है।

निवेशकों की कम रुचि के मुख्य कारणों में यीडा क्षेत्र में बसावट की धीमी रफ्तार, जमीन की बढ़ती कीमतें, और शहरी आधारभूत सुविधाओं की कमी शामिल है। लोग ग्रुप हाउसिंग की तुलना में स्वतंत्र भूखंडों (प्लॉट) में अधिक रुचि दिखा रहे हैं, जैसा कि 200 वर्गमीटर के 276 प्लॉट्स के लिए मिले 54 हजार से अधिक आवेदनों से स्पष्ट होता है। यीडा इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन इसका असर अभी दिखना बाकी है।

संक्षेप में, ग्रेटर नोएडा में बुनियादी ढांचे का विकास तेजी से हो रहा है, जिससे निवासियों को जाम से राहत मिलेगी, वहीं यीडा को अभी भी अपनी आवासीय योजनाओं को निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने की दिशा में काम करना होगा।

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