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Kannauj : ‘क्या फायदा ऐसी डिग्री का…जो एक नौकरी न दिला सकी’, लिखकर छात्र ने लगाया मौत को गले!

Kannauj Suicide : क्या फायदा ऐसी डिग्री का, जो एक नौकरी न दिला सकी। हमारी आधी उम्र पढ़ते-पढ़ते निकल गई। इसलिए हमारा मन भर गया है। यह सुसाइड नोट लिखने के बाद एक छात्र ने अपने सारे शैक्षिक प्रमाण पत्र जला दिए। इसके बाद कमरे में बहन के दुपट्टे को फंदा बनाकर जान दे दी। सुबह जब उसकी मां ने चाय पीने के लिए आवाज दी। कोई जवाब नहीं मिलने पर वह कमरे में गई। सामने बेटे को फंदे पर लटकता देखकर उनके होश उड़ गए और वाह शोर मचाते हुए बेहोश हो गई। जानकारी पर पहुंची पुलिस (Kannauj Police) ने छानबीन करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

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कन्नौज जिले (Kannauj News) में सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम भूड़पुर्वा सहजापुर निवासी ब्रजेश पाल (25) बीएससी कर चुका था। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। ब्रजेश के परिवार में पिता लक्ष्मण पाल, मां गुड्डी देवी और दो बहनें हैं, एक बहन संगीता की शादी होनी है।

पेपर लीक होने की खबर से था परेशान

पिता दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। मां ने बताया कि ब्रजेश प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। पुलिस भर्ती परीक्षा भी दी, लेकिन पेपर लीक होने की खबर से वह परेशान था। गुरुवार रात को बेटे ने साथ में खाना खाया और इसके बाद अपने कमरे में सोने के लिए चला गया।

माँ ने देखा पंखे से लटकता हुआ बेटे का शव

सुबह वह घर में सफाई करते हुए ब्रजेश के कमरे के पास पहुंची और बेटे को चाय पीने के लिए आवाज दी, जब अंदर से आवाज नहीं आई, तो उन्होंने दरवाजा खोलकर देखा। सामने पंखे में बेटे का शव फंदे पर लटक रहा था। शोर सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए।

छात्र के पास मिला सुसाइड नोट

Kannauj Suicide News

ब्रजेश ने जान देने से पहले अपने सारे शैक्षिक प्रमाण पत्रों को भी जला दिया था। पुलिस मौके पर पहुंची, तो वहां पर एक सुसाइड नोट मिला। सीओ कमलेश कुमार ने बताया कि छात्र के पास सुसाइड नोट मिला है। इसमें छात्र ने नौकरी न मिलने से परेशान होकर जान देने की बात लिखी है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

बस हमारा मन भर गया है

जान देने से पहले ब्रजेश ने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरे माता-पिता मुझे माफ करना, मैं आपको धोखा देने जा रहा हूं। मेरी मौत के बाद किसी को परेशान न किया जाए, मैं अपनी मौत का खुद जिम्मेदार हूं। मैं अब और जीना नहीं चाहता। हमें किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं थी। बस हमारा मन भर गया है और आज मैं सबका साथ छोड़ने जा रहा हूं। हो सके तो हमको माफ कर देना। आज का दिन हमारे लिए आखरी दिन है।

हमने बीएससी के सारे कागज जला दिए

सुसाइड नोट में लिखा था कि आज हमने अपनी मां के साथ खाना खाया और हम अपने मां-बाप को धोखा देने जा रहे हैं। पापा का ख्याल रखना और बोल देना, हमारा तुम्हारा इतना साथ था। संगीता की शादी अच्छे से करना, भले ही हम नहीं हैं। हमने बीएससी के सारे कागज जला दिए हैं।

हमारी आधी उम्र पढ़ते-पढ़ते निकल गई

सुसाइड नोट में सबसे आखिर में लिखा था कि क्या फायदा ऐसी डिग्री का, जो एक नौकरी न दिला सकी। हमारी आधी उम्र पढ़ते-पढ़ते निकल गई। इसलिए हमारा मन भर गया है और आखिर में छात्र ने अपना नाम लिखा है… ब्रजेश पाल। घटना से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

By Abhilash Bajpai

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