Kanpur News: कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र के निवासी सत्यम त्रिवेदी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया है। उनका दावा है कि पनकी थाने के एक इंस्पेक्टर ने उन्हें न केवल जूतों से पीटा बल्कि जातिसूचक गालियां भी दीं। यह मामला तब प्रकाश में आया जब सत्यम ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव के सामने अपनी आपबीती सुनाई। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने पुलिस प्रशासन और सरकार दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सत्यम त्रिवेदी के अनुसार, 25 दिन तक कहीं सुनवाई न होने पर उन्हें सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ा।
- विज्ञापन -ये कानपुर के सत्यम द्विवेदी जी हैं, इन्हें पनकी इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने चप्पलों से पीटा व अपमानित किया था !
आज ये अपनी पीड़ा अखिलेश जी को बताते हुए रो पड़े। pic.twitter.com/0BDn9nVdSp— Vishal JyotiDev Agarwal 🇮🇳 (@JyotiDevSpeaks) August 25, 2025
पुलिस पर लगे गंभीर आरोप
सत्यम त्रिवेदी ने मीडिया को बताया कि यह घटना 25 अप्रैल को उनके पड़ोसी के साथ घर के बाहर की नाली को लेकर हुए विवाद के बाद हुई। विवाद बढ़ने पर दोनों पक्ष पनकी थाने पहुंचे। सत्यम का आरोप है कि थाने में इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह ने एक पक्ष को कुर्सी पर बैठाया और उन्हें जमीन पर। इसी दौरान, इंस्पेक्टर ने उन्हें जातिसूचक गालियां देना शुरू कर दिया। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो इंस्पेक्टर ने गुस्से में आकर उन्हें जूतों से पीटा। सत्यम का कहना है कि पिटाई के निशान उनके चेहरे पर आज भी मौजूद हैं।
न्याय की गुहार और सियासी हंगामा
सत्यम ने बताया कि इस घटना के बाद उन्होंने न्याय के लिए कई Kanpur अधिकारियों के पास गुहार लगाई, लेकिन 25 दिनों तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, थक-हारकर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना दर्द साझा किया। इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर संज्ञान लिया। अखिलेश ने पीड़ित का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया और यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, “सत्ता सजातीय की दबंगई का शिकार हो रहा है एक खास समाज…”। उन्होंने सत्यम को न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
राजनीतिक दबाव बढ़ने और मामला तूल पकड़ने के बाद, प्रशासन ने इस पर कार्रवाई की है। पुलिस आयुक्त कार्यालय ने मामले की जांच एडीसीपी पश्चिम को सौंप दी है। हालांकि, सत्यम का कहना है कि अब जांच से क्या होगा, जब उनका मान-सम्मान पहले ही मिट्टी में मिल चुका है। उन्होंने जूतों से मार खाने के बाद हुए अपमान पर अपनी पीड़ा व्यक्त की। इस घटना ने एक बार फिर से Kanpur पुलिस की कार्यप्रणाली और नागरिकों के प्रति उनके व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।