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Kanpur का ऐतिहासिक गांधी भवन पुस्तकालय बनेगा ई-लाइब्रेरी, 10,000 किताबो की विरासत को मिलेगा नया जीवन

Kanpur News: सैकड़ों साल का इतिहास समेटे कानपुर के फूलबाग स्थित गांधी भवन का पार्षद पुस्तकालय को सँभालने की तैयारी शुरू हो गई है। संसाधनों व रखरखाव के अभाव में 10 हजार किताबों की विरासत वाले इस पुस्तकालय में अब सन्नाटा पसरा रहता है। 58 साल पुराने इस पुस्तकालय में हिंदी, पंजाबी, मराठी, गुजराती, कन्नड़, मलयालम भाषा में साहित्य व कानून की किताबों पर धूल की मोटी परत जमा है।

जानें पूरा मामला 

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टूटी अलमारियों में किताबों को टिका दिया गया है लेकिन अब कानपुर नगर निगम इसे E-Library (Digital) बनाने जा रहा है। 9.63 करोड़ रुपये से बनने वाली E-Library के लिये नगर निगम को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। लाइब्रेरी में जहां छात्र competitive परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे। वहीं, लाइब्रेरी मैनेजमेंट सिस्टम की भी पढ़ाई भी कर सकेंगे। सीएम वैश्विक नगरोदय योजना के तहत शासन ने जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिये हैं। इससे फूलबाग स्थित गांधी भवन के पार्षद पुस्तकालय की हालत का सुधार होगा और शहर में युवाओं को पढ़ने के लिये एक अच्छा स्थान मिल जायेगा।

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CM-VNY के तहत 38.19 करोड़ से शहर में 5 कार्यो को मिली स्वीकृति

CM Yogi Adityanath की महत्वाकांक्षी परियोजना वैश्विक नगरोदय योजना (CM-VNY) के तहत 38.19 करोड़ से शहर में 5 कार्यो को स्वीकृति मिली है। इसमें साकेत नगर में जोनल कार्यालय एवं सह कार्य स्थल का निर्माण कार्य 16.26 करोड़ रुपये से होना है। शासन की ओर से नगर निगम कानपुर को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। जोनल कार्यालय के लिये जमीन का चयन कर लिया गया है। इसके साथ 9.63 करोड़ रुपये से फूलबाग गांधी भवन में E-Library बनाने को लेकर भी शासन की स्वीकृति मिली है। जोन 4 में नेहरू नगर चौराहे को सजाने में भी नगर निगम करेगा। योजना के तहत लगभग 0.485 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं।

स्मार्ट चौराहे की तर्ज पर यहां कार्य होगा। 9.55 करोड़ रुपये से सिद्धनाथ घाट का पुननिर्माण और उसे सजाया जाएगा।  इस कार्य के लिये शासन ने C&DS को कार्यदायी संस्था नामित कर दिया है। नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि फूलबाग में E-Library बनने से competitive और मैनेजमेंट की तैयारी करने वाले स्टूडेंट को आसानी हो जायेगी।

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 1963 में कानपुर पब्लिक लाइब्रेरी के नाम से हुई स्थापना

दो फरवरी 1963 में Kanpur Public Library (वर्तमान नाम पार्षद पुस्तकालय) को स्थापित किया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रभानु गुप्ता ने इस पुस्तकालय का उद्घाटन किया था। यहां रखीं किताबों में एक 3600 पेज का शब्दकोश है। इसके अंदर के शुरुआती पन्ने खराब हो चुके हैं। इसमें शब्दों का भंडार होने के साथ-साथ अमेरिका के पक्षियों और वहां की प्राचीन मुद्राओं का ब्योरा दिया गया है। यहां का मासिक सदस्य बनने के लिए 130 रुपये निर्धारित हैं। एक समय था जब यहां किताब प्रेमियों की भीड़ जुटती थी लेकिन अब यहां सन्नाटा पसरा रहता है।

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