Lucknow HDC: आवास विकास परिषद ने 16 मंजिला बिल्डिंग को 14 मंजिला बनाने के मामले में चार रिटायर्ड इंजीनियरों पर कड़ी कार्रवाई की है। यह मामला अवध विहार योजना का है, जिसमें इंजीनियरों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना उड्डयन विभाग से एनओसी प्राप्त किए ही मंदाकिनी और भागीरथी एन्क्लेव में 16 मंजिला फ्लैट का निर्माण नहीं किया और केवल 14 मंजिलें बनाई। इस पर परिषद ने जांच के बाद इन इंजीनियरों की पेंशन में तीन साल तक तीन प्रतिशत कटौती करने का निर्णय लिया है।
Lucknow HDC के उप आवास आयुक्त हिमांशु गुप्ता ने बताया कि 2012-13 में तैनात इंजीनियरों ने उड्डयन विभाग से एनओसी लिए बिना ही भवन निर्माण की अनुमति दी, जिससे न केवल परिषद की छवि पर असर पड़ा, बल्कि आवंटियों को भी नुकसान उठाना पड़ा। दोषी पाए गए इंजीनियरों में अवर अभियंता राजीव अग्रवाल, सहायक अभियंता सत्येन्द्र कुमार कुन्दन, अधीक्षण अभियंता आरएल यादव और राजीव कुमार प्रभारी अधीक्षण अभियंता शामिल हैं। इन चारों इंजीनियरों की पेंशन में तीन वर्षों तक तीन प्रतिशत की कटौती की जाएगी। इसके साथ ही, कई अन्य सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ भी जांच चल रही है और भविष्य में उन पर भी कार्रवाई की जा सकती है।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
Lucknow HDC ने अपने कर्मचारियों के लिए कुछ और महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। 1 जुलाई 2024 से कर्मचारियों को 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा, पांच एकड़ से बड़े क्षेत्रफल वाले ग्रुप हाउसिंग भूखंडों को अब टू-बिड के बजाय नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा। इसके साथ ही, परिषद में तीन मुख्य अभियंता के पद स्वीकृत किए जाएंगे।
गाजियाबाद की वसुंधरा योजना के 2992 वर्ग मीटर के भूखंड को अब छोटे प्लाटों में बांटकर बेचा जाएगा। पहले यह भूखंड 101 बार नीलामी में नहीं बिक सका था। इसके अलावा, विद्युत यांत्रिक के 21 अवर अभियंताओं को अब सिर्फ विद्युत का ही काम सौंपा जाएगा, जिन्हें पहले सिविल कार्यों में लगाया गया था।
Lucknow HDC में 70 इंजीनियरों की नियुक्ति के लिए चयन आयोग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इन फैसलों के माध्यम से परिषद की कार्यप्रणाली को और पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने की कोशिश की जा रही है।