Lucknow News: लखनऊ नगर निगम में मकान मालिक के निधन के बाद नामांतरण की प्रक्रिया में नागरिकों को हो रही दिक्कतों के मद्देनजर नगर निगम कर्मचारी संघ ने नियमावली बनाने की मांग उठाई है। वर्तमान में यह प्रक्रिया स्पष्ट नहीं है, जिससे नागरिकों और कर्मचारियों दोनों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर नागरिकों को यह पता नहीं होता कि नाम बदलवाने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जमा करने होंगे। इस स्थिति से बचने के लिए नगर निगम कर्मचारी संघ ने नियमावली तैयार करने की आवश्यकता जताई है, जिससे प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जा सके।
वर्तमान में समस्या का समाधान नहीं
नगर निगम Lucknow में नामांतरण की प्रक्रिया में कोई निश्चित दिशा-निर्देश नहीं होने के कारण कर्मचारियों और नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने बताया कि नगर निगम के आठ जोनों में भवन नामांतरण की प्रक्रिया अलग-अलग तरीके से चल रही है। कुछ जोन में शपथ पत्र और पारिवारिक सदस्यों की NOC मांगी जाती है, वहीं कुछ जगहों पर उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। इसका परिणाम यह होता है कि नागरिकों को बार-बार कागजात इकट्ठा करने के लिए दौड़-भाग करनी पड़ती है। इस असंगति के कारण कर्मचारी भी जांच के डर से सही प्रक्रिया नहीं अपना पाते हैं।
नियमावली से होगी पारदर्शिता और सुविधा
आनंद वर्मा ने यह भी बताया कि इस मुद्दे को हल करने के लिए नियमावली की आवश्यकता है। यदि एक स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाए, तो नागरिक पहले से सभी आवश्यक दस्तावेज़ लेकर नगर निगम जा सकेंगे, और कर्मचारियों को भी बिना किसी डर के प्रक्रिया पूरी करने में मदद मिलेगी। Lucknow नगर निगम के मुख्य कर अधिकारी अशोक सिंह ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि नामांतरण की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए नियमावली तैयार की जा रही है। यह नियमावली जल्द ही लागू की जाएगी, जिससे नागरिकों को नामांतरण के लिए जरूरी दस्तावेज़ और प्रक्रिया की जानकारी मिल सकेगी।
आवश्यक दस्तावेज़ और प्रक्रिया
नामांतरण के लिए नागरिकों को रजिस्ट्री के दस्तावेज़, भवन परमिशन, टैक्स रसीद, डेथ सर्टिफिकेट, शपथ पत्र (50 रुपये के स्टांप पेपर पर), मृतक और हस्तांतरणी के आधार कार्ड, और बिजली बिल जैसे दस्तावेज़ जमा करने होंगे। इसके बाद नागरिक ऑनलाइन आवेदन करेंगे, और फिर जोन कार्यालय में कर निरीक्षक को सभी दस्तावेज़ प्रस्तुत करेंगे। इस नए नियम से नागरिकों को राहत मिलेगी, और नामांतरण की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी।