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Home Big News ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बोलीं मायावती, मानसून सत्र में उठाएंगी बड़ा मुद्दा

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बोलीं मायावती, मानसून सत्र में उठाएंगी बड़ा मुद्दा

MAYAWATI
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Monsoon Session 2025: बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार (21 जुलाई) से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले देश और जनता से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा की अपील की है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार और विपक्ष को दलगत स्वार्थ से ऊपर उठकर देशहित और जनहित के लिए मिलकर काम करना चाहिए। इसके साथ ही मायावती ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार को सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी।

बसपा प्रमुख मायावती ने क्या कहा?

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बसपा प्रमुख मायावती ने इंस्टाग्राम पर लिखा – “सभी देशवासियों को यह चिंता स्वाभाविक है कि आज से शुरू हो रहा संसद का बहुप्रतीक्षित सत्र भी पिछले सत्रों की तरह, राष्ट्रहित और जनहित के महत्वपूर्ण व अति महत्वपूर्ण मुद्दों पर समुचित व समुचित बहस के बिना, बिना किसी बेहतर परिणाम के, सरकार और विपक्ष के बीच टकराव, आरोप-प्रत्यारोप, हंगामे के बिना और देश के करोड़ों गरीब व अन्य मेहनतकश बहुजनों के ‘अच्छे दिनों’ की ओर उचित ढंग से आगे बढ़ने की उम्मीद के बिना निराशाजनक न हो।”

क्षेत्रीय और भाषाई विवाद भी एक समस्या- मायावती

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि, “वैसे भी, देश भीषण महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी, महिला असुरक्षा और खासकर क्षेत्रीय व भाषाई आदि मुद्दों पर बढ़ते विवादों व हिंसक झड़पों जैसी जनहित की समस्याओं के साथ-साथ आंतरिक और बाह्य/सीमा सुरक्षा जैसे राष्ट्रहित के मुद्दों से जूझ रहा है, जो जनता के सुख, शांति और समृद्धि के संघर्ष को प्रभावित कर रहे हैं और जनता इन मुद्दों पर सार्थक बहस के आधार पर दीर्घकालिक ठोस नीतियां और रणनीतियां बनाने और उन्हें लागू करने के लिए संसद का सुचारू रूप से चलना आवश्यक समझती है। ताकि देश विकास के पथ पर अग्रसर हो सके और जनता प्रगति के पथ पर सुचारू रूप से आगे बढ़ सके। जिसमें देश के सर्वसमाज और बहुजनों का हित निहित है।”

लोकतंत्र और संप्रभुता पर नई चुनौतियां – मायावती

मायावती ने आगे लिखा – “जिस गति से दुनिया की राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियाँ लगातार बदल रही हैं, उससे भारत सहित विभिन्न देशों के लोकतंत्र और संप्रभुता पर नई चुनौतियाँ और नए खतरे मंडराने लगे हैं। इसके लिए केवल भारत सरकार की राजनीतिक सजगता और कार्यकुशलता ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इससे समुचित रूप से निपटने के लिए, यह उचित होगा कि सरकार विपक्ष के माध्यम से पूरे देश की जनता को विश्वास में लेकर आगे बढ़े। वास्तव में, सरकार और विपक्ष दोनों को दलगत स्वार्थों से ऊपर उठकर इन मुद्दों पर एकता बनानी चाहिए, यही देश के बहुजनों की इच्छा है।”

उन्होंने कहा – “इसके साथ ही, बेहतर होगा कि सरकार संसद के चालू मानसून सत्र के दौरान पहलगाम नरसंहार के मामले में भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सकारात्मक रुख अपनाए। क्योंकि देश की जनता और सीमाओं की सुरक्षा अंततः सरकार की पूरी जिम्मेदारी है, जिसके लिए विपक्ष को भी दलगत स्वार्थ से ऊपर उठकर सरकार के साथ सहयोग का रवैया अपनाना चाहिए, अर्थात देश और जन सुरक्षा सरकार और विपक्ष दोनों के लिए सर्वोपरि है।”

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