Meerut NCR Medical College Scam: Meerut में एनसीआर मेडिकल कॉलेज से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसने पूरे चिकित्सा क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। Meerut भाजपा की पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की बेटी और कॉलेज की सहायक प्रबंध निदेशक डॉ. शिवानी अग्रवाल इस घोटाले के केंद्र में आ गई हैं। सीबीआई ने डॉ. शिवानी और 34 अन्य लोगों के खिलाफ गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज की है। उन पर कॉलेज में एमबीबीएस की सीटें बढ़वाने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को गुमराह करने का आरोप है।
सीबीआई की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि Meerut कॉलेज प्रबंधन ने एनएमसी से 50 अतिरिक्त एमबीबीएस सीटें मंजूर कराने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इस दौरान फर्जी फैकल्टी और काल्पनिक मरीजों का सहारा लिया गया। बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली में हेराफेरी कर यह दिखाया गया कि सभी फैकल्टी नियमित रूप से कॉलेज में मौजूद हैं, जबकि असलियत कुछ और थी। यही नहीं, जिन मरीजों को इलाज के नाम पर दर्ज किया गया, वे कागजों तक ही सीमित थे।
सीबीआई के मुताबिक, निरीक्षण के समय जिन व्यवस्थाओं की कॉलेज में उपस्थिति जरूरी थी, वह मौके पर नहीं मिलीं। फिर भी कॉलेज प्रबंधन ने रिपोर्ट को अनुकूल बनाने के लिए बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया। एनसीआर मेडिकल कॉलेज में इस समय 150 एमबीबीएस सीटें हैं, जिन्हें बढ़ाकर 200 करने के प्रयास किए जा रहे थे। इसी प्रक्रिया के दौरान पूरा घोटाला उजागर हो गया।
सीबीआई ने 30 जून को डॉ. शिवानी अग्रवाल समेत 35 लोगों पर मामला दर्ज कर 2 जुलाई को कॉलेज और उनके आवास पर छापेमारी की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी बारीकी से जांच की जा रही है। एजेंसी की मानें तो इन दस्तावेजों से कॉलेज में हुए फर्जीवाड़े की गहरी परतें खुल रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. शिवानी अग्रवाल को जल्द ही पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। सीबीआई ने एफआईआर की कॉपी उनकी मां डॉ. सरोजिनी अग्रवाल को भी सौंप दी है। उधर, डॉ. शिवानी और उनके परिवार ने कानूनी बचाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और वरिष्ठ वकीलों से सलाह ली जा रही है।
गौर करने वाली बात है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद डॉ. शिवानी कॉलेज नहीं पहुंचीं। उनकी अनुपस्थिति अब कई सवाल खड़े कर रही है। फिलहाल, सीबीआई इस मामले में तेजी से आगे बढ़ रही है।