Sahara City controversy: सहारा इंडिया समूह के लखनऊ स्थित सहारा सिटी में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि समूह संस्थापक सुब्रत रॉय की पत्नी स्वप्ना रॉय और उनके रिश्तेदार अचानक शहर छोड़कर भाग गए। बताया गया कि वे अपने साथ ट्रकों में भरा बहुमूल्य सामान भी लेकर गए। इस घटना के बाद पहले से वेतन और पीएफ भुगतान के लिए धरना दे रहे कर्मचारियों में गहरा असंतोष फैल गया। शनिवार को सहारा प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच एक घंटे तक चली बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
कर्मचारियों का कहना है कि साल 2014 के बाद से नियमित वेतन नहीं मिला। कभी दो या तीन महीने में आंशिक राशि दी गई, लेकिन अब स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। उनका आरोप है कि सहारा सिटी में रखे करोड़ों रुपये के स्क्रैप को कुछ अधिकारी गुपचुप तरीके से बेच रहे हैं। कर्मचारियों ने खुलासा किया कि करीब पांच करोड़ रुपये का स्क्रैप चोरी-छिपे बेचा जा चुका है। उनका कहना है कि सरकार को तत्काल एक विशेष जांच कमिटी गठित करनी चाहिए, जो वेतन, पीएफ और ग्रेच्युटी भुगतान की प्रक्रिया सुनिश्चित करे।
शनिवार दोपहर अनिल विक्रम सिंह, विजय डोगरा, अली अहमद जैदी और आरएस दुई जैसे वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारियों से बातचीत के लिए पहुंचे। बैठक के दौरान एसपी सिटी भी मौजूद रहे। हालांकि कर्मचारियों ने बार-बार अपनी मांगें दोहराईं, मगर किसी ठोस निर्णय तक पहुंचा नहीं जा सका। कर्मचारियों का आरोप है कि अधिकारियों की मनमानी के कारण संस्था की साख और उनके भविष्य दोनों पर संकट मंडरा रहा है।
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Sahara City प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने सरकार से गुहार लगाई है कि सहारा के अफसरों की संपत्तियों की जांच कराई जाए। उनका दावा है कि वर्ष 2012 से संस्था ने पीएफ जमा नहीं किया, जिससे हजारों कर्मचारियों की जमा पूंजी फंस गई है। सेवानिवृत्त कर्मचारी सुधीर कुमार त्रिपाठी ने बताया कि दिसंबर 2024 में रिटायर होने के बावजूद उन्हें अब तक ग्रेच्युटी नहीं मिली।
Sahara City कर्मचारियों ने कहा, “हमने सहारा के लिए पूरी उम्र दी, अब हमारी मेहनत का हक भी छीना जा रहा है।” विवाद बढ़ने के साथ सहारा सिटी का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।