Sambhal violence: समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश के Sambhal में हुई हिंसा पर अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की है। इस रिपोर्ट में सपा ने भाजपा और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि Sambhal हिंसा के पीछे सरकार की साजिश थी और सरकार ने जानबूझकर दंगा कराया। उनका आरोप है कि भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से हिंसा को बढ़ावा दिया और निर्दोष लोगों को जेल भेज दिया। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि इस दंगे में लोग मारे नहीं गए, बल्कि उन्हें पुलिस की गोली से हत्या की गई।
सपा नेता माता प्रसाद पाण्डेय ने अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिपोर्ट को प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि भाजपा ने हिंसा के दौरान नफरत फैलाने और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए साजिश रची। उनका कहना था कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उत्तेजक नारेबाजी कर दंगे को बढ़ावा दिया, ताकि राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। सपा के मुताबिक, यह पूरी हिंसा भाजपा द्वारा जानबूझकर कराई गई ताकि चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत की जा सके।
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अखिलेश यादव ने कहा कि वह इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय जाने का विचार कर रहे हैं और इसके लिए कानूनी राय ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हिंसा को बढ़ावा दिया और उसका उद्देश्य किसी भी तरह से सत्ता की राजनीति को साधना था। भाजपा के खिलाफ यह आरोप भी लगाया गया कि पार्टी के लिए इंसान की कोई अहमियत नहीं है। अखिलेश ने कहा कि इस सरकार में न्याय की कोई संभावना नहीं है क्योंकि भाजपा के दो मुख्य मुद्दे हैं— एक पीडीए पर अत्याचार और दूसरा भ्रष्टाचार, जो छिपाने के लिए इस तरह की घटनाएं रची जाती हैं।
सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार केवल एक विभाग तक सीमित नहीं है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में भी घोटाले हो रहे हैं, जहां केवल आरएसएस के सदस्य उच्च पदों पर पहुंचने का दावा करते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के विधायक खुद यह स्वीकार कर रहे हैं कि यूपी में 50,000 गायें काटी जा रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री इस पर चुप हैं। यह आरोप लगाते हुए कि सरकार के भीतर भ्रष्टाचार का बोलबाला है, उन्होंने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए।