Lakhimpur Kheri news: लखीमपुर खीरी जिले के भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र से एक बार फिर तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है। गौरीफंटा थाना क्षेत्र में पुलिस, कस्टम और सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) की संयुक्त कार्रवाई में भारी मात्रा में सेक्स टॉय यानी कृत्रिम अंग बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बोलेरो पिकअप गाड़ी को रोककर 134 पीले प्लास्टिक के बोरों में छुपाए गए करीब 20,100 सेक्स टॉय जब्त किए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग दो करोड़ एक लाख रुपये बताई जा रही है। इस मामले में दो तस्कर नईम खान और अनिल अहमद को गिरफ्तार किया गया है, जबकि उनके मुख्य सरगना विजय सिंह राना और उसका सहयोगी सानू सिद्दीकी अभी फरार हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, मुखबिर से सूचना मिली थी कि सूड़ा गांव में नेपाल से एक बड़ी खेप पिकअप गाड़ी में लोड की जा रही है। इस सूचना के आधार पर पुलिस, कस्टम और एसएसबी की टीम ने सूड़ा गांव में छापा मारा। तलाशी के दौरान 2100 पैकेट में पैक किए गए सेक्स टॉय बरामद किए गए। जांच में पता चला कि यह समान चीन में निर्मित है और इसे तस्करी कर भारत के विभिन्न बड़े शहरों जैसे दिल्ली, लखनऊ, और कानपुर तक पहुंचाया जाना था।
पुलिस के मुताबिक, बोलेरो गाड़ी को सूड़ा घाट के पास रोककर जांच की गई, जहां 72 पीले बोरे मिले, जिनमें कागज की पेटियों में कृत्रिम अंग छिपाए गए थे। इसके अलावा ग्राम सूड़ा से भी 62 बोरे बरामद किए गए। कुल मिलाकर 134 बोरे और 20,100 कृत्रिम अंग जब्त किए गए। इस Lakhimpur मामले की गंभीरता को देखते हुए बरामद सामग्री को कस्टम विभाग को सुपुर्द कर दिया गया है।
इस तस्करी के मुख्य आरोपी विजय सिंह राना और उसके सहयोगी सानू सिद्दीकी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस उनके शीघ्र गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयासरत है। स्थानीय पुलिस अधिकारी गौरीफंटा थाना के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि सीमा पर लगातार सतर्कता बरती जा रही है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
यह मामला भारत-नेपाल सीमा के माध्यम से चल रहे अवैध कारोबार की बड़ी घटना है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क के जुड़े होने की भी संभावना जताई जा रही है। इस तस्करी की न केवल काली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है, बल्कि इससे सामाजिक और सांस्कृतिक असमंजस भी उत्पन्न होता है।
इस प्रकार की तस्करी की रोकथाम के लिए सीमा सुरक्षा बल और कस्टम विभाग के साथ Lakhimpur पुलिस का समन्वित प्रयास जारी है। आगे की जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस तस्करी के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं और इसे किस तरह के नेटवर्क के तहत संचालित किया जा रहा है। लखीमपुर पुलिस और संबंधित एजेंसियां इस गंभीर मुद्दे से निपटने के लिए पूरी तरह तत्पर हैं।