- विज्ञापन -
Home Uttar Pradesh Ghaziabad Ghaziabad: गाज़ियाबाद में सपा ने सबको चौकाया, खेल दिया दलित कार्ड

Ghaziabad: गाज़ियाबाद में सपा ने सबको चौकाया, खेल दिया दलित कार्ड

मोहसिन खान

- विज्ञापन -

गाज़ियाबाद- यूपी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा और सपा की स्थिति वहीं है कि जैसे वो कहावत है…तू डाल-डाल, मैं पात-पात…नामाकंन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन से पहले भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नामों को ऐलान कर दिया, जबकि कांग्रेस के चुनाव ना लड़ने के ऐलान के बाद सपा ने खैर और गाज़ियाबाद सीट पर भी अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया और इसमें सबसे ज्यादा चौकानें वाला नाम गाज़ियाबाद सदर विधानसभा सीट से सामने आ गया…पीडीए को लेकर चली सपा ने गाजियाबाद से दलित कार्ड खेल दिया और भाजपा के साथ साथ बहुजन समाज पार्टी को भी असहज कर दिया। दरअसल बसपा ने पहले यहां से दलित उम्मीदवार रवि गौतम को टिकट दिया था, लेकिन कुछ दिन पहले रवि गौतम का टिकट काट दिया और अब बसपा ने गाजियाबाद विधानसभा सीट पर वैश्य कार्ड खेला और पीएन गर्ग को उम्मीदवार बनाया…ऐसे में सपा के मास्टर स्ट्रोक ने दलित समाज के बीच एक संदेश भी देने का काम कर दिया। सपा की ओर से दलित उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ लिया है कि सपा अब दलित पॉलिटिक्स करेगी…सपा केवल दलितों की बात ही नहीं करेगी, बल्कि उनकी राजनीतिक हिस्सेदारी को भी सुनिश्चित करेगी, सपा का दलित प्रेम उभरकर सामने आया तो अन्य दलों में जातीगत समीकरणों के आधार सियासत की बिसात को साधने की जुगत भी शुरू हो गई है।

ये भी पढ़े: The Mid Post Exclusive – हाल-ए-उपचुनावः-गाज़ियाबाद में होगा गज़ब चुनाव, बीजेपी की हैट्रिक पर नज़र

बता दें कि गाज़ियाबाद सदर विधानसभा सीट से सपा ने सिंह राज जाटव को प्रत्याशी बनाया है…दावेदारों की लंबी फेहरिस्त में से अचानक चौकाने वाला नाम सामने आ गया। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि समाजवादी पार्टी ने बसपा के 2012 वाले दांव को खेल दिया…जबकि 2012 में बसपा से सुरेश बसंल को प्रत्याशी बनाया था और गाजियाबाद सदर सीट के दलित-मुस्लिम समीकरण को साधा था, माना जा रहा है कि अगर दलित-मुस्लिम का गठजोड़ बन गया तो फिर भाजपा के लिए दिक्कतें हो सकती है। इस सीट पर आकंड़ों के नजरिए में दलित और मुस्लिम वोट एक लाख से ज्यादा है और गाजियाबाद सदर सीट के विजय नगर समेत कई इलाकों में दलित वोटर्स का अच्छा खासा प्रभाव है, जबकि कैला भट्टा, चमन कॉलोनी और मिर्जापुर मुस्लिम बाहुल्य इलाके है।

ये भी पढ़े: करहल मे होगा मुकाबला दिलचस्प, जो ‘जीजा जी’ बोलेंगे क्या वो साले साहब!

- विज्ञापन -
Exit mobile version