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लाइनमैन ने गांव की बिजली काटकर किया वक्फ बिल का विरोध, सरकार ने नौकरी से निकाला

Meerut

Meerut news: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में वक्फ संशोधन बिल के विरोध में एक लाइनमैन ने ऐसा कदम उठा लिया, जिससे उसका खुद का करियर खतरे में पड़ गया। मामला मुंडाली क्षेत्र के अजराड़ा गांव का है, जहां संविदा पर तैनात बिजलीकर्मी रियाजुद्दीन ने जानबूझकर गांव की बिजली आपूर्ति रोक दी। यह घटना बुधवार की है, जिस दिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वे वक्फ बिल के विरोध में सांकेतिक रूप से अपने घरों की लाइटें कुछ देर के लिए बंद करें।

इस अपील का असर तो देशभर में अलग-अलग तरीकों से दिखा, लेकिन अजराड़ा में बिजलीघर पर तैनात लाइनमैन ने अपनी ड्यूटी से हटकर पूरे गांव की बिजली सप्लाई ही काट दी। गांववाले पहले तो समझ नहीं पाए कि अचानक बिजली क्यों गई, लेकिन जब कुछ लोगों को शक हुआ, तो उन्होंने इसकी शिकायत ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर से की।

ऊर्जा मंत्री ने तुरंत संबंधित अधिकारियों को मामले की जांच का निर्देश दिया। जांच में साफ हो गया कि रियाजुद्दीन ने जानबूझकर बिजली काटी थी, जोकि ड्यूटी के दुरुपयोग और सरकारी व्यवस्था में हस्तक्षेप की श्रेणी में आता है। इसके बाद पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने उसे संविदा से तत्काल प्रभाव से हटा दिया।

गांव के स्थानीय निवासी कल्लू पंडित ने सवाल उठाया कि कोई भी कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत सोच या भावनाओं के चलते पूरे गांव को कैसे अंधेरे में डाल सकता है? उन्होंने कहा कि यह न केवल तकनीकी अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी से भी खिलवाड़ है।

मीडिया प्रभारी एचके सिंह ने बताया कि विभाग इस तरह की अनुशासनहीनता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। कर्मचारी को हटाने के आदेश तुरंत जारी किए गए।

इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सांकेतिक विरोध की आड़ में अगर सरकारी सेवाएं बाधित की जाएं तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? यह मामला बाकी कर्मचारियों के लिए भी एक चेतावनी है कि निजी सोच और सरकारी कर्तव्य के बीच स्पष्ट रेखा बनाना जरूरी है।

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