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पौष पूर्णिमा 2025 महाकुंभ की शुरुआत, जाने क्या है खास

Paush Purnima 2025: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही विशेष दर्ज़ा दिया गया है। पौष महीने का आखिरी दिन पौष पूर्णिमा कहलाता है। वैसे तो सालभर की सभी पूर्णिमा तिथि खास होती है लेकिन 2025 में आने वाली पौष पूर्णिमा का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसी दिन से महाकुंभ 2025 की शुरुआत भी हो रही है। साधु-संतों के लिए ये बहुत महतवपूर्ण त्यौहार है । हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान करने के बाद सूर्य और चंद्रमा भगवान से आशीर्वाद पाने के लिए शुभ माना गया है। यह पौष माह में पड़ने वाला शुभ दिन है।

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यह पौष माह में पड़ने वाला शुभ दिन

जो सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन कई संत, आम लोग तीर्थ और पवित्र नदियों में स्नान ,दान करके पुण्य कमाते है। कई पुराणों में जिक्र किया गया है कि पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र डुबकी लगाने से मनुष्य को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है । इस पर्व पर किए गए दान का फल कभी व्यर्थ नहीं जाता । इस दिन काशी, प्रयाग और हरिद्वार में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन आप गुड़, तिल, कंबल और गर्म कपड़े का दान कर सकते हैं।

पौष पूर्णिमा 2025 कब ?

पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 को महाकुंभ का पहला शाही स्नान होगा। इस दिन शाकम्भरी जयन्ती भी मनायी जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है। 13 जनवरी को सुबह 7:14 मिनट पर शुरू और 8:33 मिनट पर इसका समापन होगा। इस मुहूर्त में गंगा स्नान करना शुभ रहेगा। इसके साथ ही पौष पूर्णिमा के दिन उत्तम मुहूर्त 9:52 मिनट से लेकर 11:44 मिनट तक रहेगा।

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