Electric Vehicles: आज के समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की बहुत ज्यादा मांग बढ़ रही है और कंपनियां भी इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के चलते अपने वाहन बाजार में पेश कर रही है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के कारण जहाँ लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख कर रहे है तो वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों में लग रही आग के कारण ग्राहक इन्हे खरीदने से पीछे भी हट रहे है। इलेक्ट्रिक वाहनों में लगातार हो रही आग की घटनाओं के कारण इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में कमी आयी है।
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय की एक कमेटी ने अभी हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों की कंपनियों से सुरक्षा को लेकर सवाल पूछे थे। इलेक्ट्रिक वाहनों में हो रही आग की घटनाओं के बीच केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा को कुछ नियम बनाये है। सरकार के ये नियम टू-व्हीलर्स और थ्री व्हीलर्स और कारों एवं वे बड़े वाहन जो माल लाते और ले जाते है सभी पर लागू होंगे।
ये बड़े बदलाव करने होंगे कंपनियों को
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा बैटरी सुरक्षा नियमों को लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा के लिए कुछ प्रावधान किये है। परिवहन मंत्रालय के द्वारा जारी ये नियम एक अक्टूबर से लागू किये जायेगे। मंत्रालय ने ये कदम टू-व्हीलर्स इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर करते हुए उठाया है। मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, “संशोधनों में बैटरी, ‘ऑन-बोर्ड चार्जर’, ‘बैटरी पैक’ का डिजाइन और आंतरिक सेल शॉर्ट सर्किट से आग लगने के कारण थर्मल प्रसार से संबंधित अतिरिक्त सुरक्षा आवश्यकताएं शामिल है।”
सरकार के नियम 1 अक्टूबर से होंगे लागू
आपको बता दें सरकार द्वारा जारी नियम एक अक्टूबर, 2022 से सभी श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहनों के अनिवार्य करने की अधिसूचना दे दी गयी है। दअरसल इस साल अप्रैल में ओला की इलेक्ट्रिक स्कूटर , ओकिनावा ऑटोटेक और प्योर जैसे टू व्हीलर्स इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की कई घटनाये सामने आयी है। सरकार ने इन घटनाओ को देखते हुए एक समिति का गठन किया है।
जानिए किन वाहनों पर लागू होंग नियम
मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, “विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में की गयी सिफारिशों के आधार पर मंत्रालय ने 29 अगस्त, 2022 को एआईएस (वाहन उद्योग मानक) 156 में संशोधन जारी किये हैं।” इन संशोधनों में इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन (इंजन) के साथ एल श्रेणी के मोटर वाहनों के लिये विशिष्ट आवश्यकताएं और एम श्रेणी और एन श्रेणी के मोटर वाहनों की इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन के लिये जरूरतें शामिल हैं।”
क्या है तीनो श्रेणियों में अंतर
L श्रेणी:इस श्रेणी में टू-व्हीलर्स और थ्री व्हीलर्स वाहन आएंगे
M श्रेणी: इस श्रेणी में वे वाहन आएंगे जिनमे कम-से-कम चार पहिये होंगे और उनका प्रयोग यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने-ले जाने के लिये किया जाता है।
N श्रेणी: इस श्रेणी में वे वाहन आएंगे जिनका प्रयोग माल ढुलाई के लिए किया जाता है