अक्सर देखा जाता है कि लोगों को जब गुस्सा आता है तो वो इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि वो अपना गुस्सा किस पर निकाल रहे हैं। ज्यादातर गुस्सैल पेरेंट्स कई बार अपने बच्चों पर गुस्सा निकाल देते हैं। ऐसे में उन पेरेंट्स का गुस्सा तो शांत हो जाता है लेकिन इससे आपके बच्चों की मेंटल हेल्थ खराब होने लगती है। अगर आपका पार्टनर हमेशा बच्चों पर गुस्सा करता है और इसके बाद से आप बच्चे में कुछ नेगेटिव बदलाव देख रहे हैं, तो इसे इग्नोर न करें बल्कि बच्चे से बात करें। लेकिन उससे पहले जान लें कि रोजाना बच्चे को डांटने पर उसकी मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है।
-अगर आपका बच्चा भी बच्चे आप दोनों में से किसी से बचने की कोशिश करता है वो ऐसा इसलिए करता है क्योंकि बच्चा उनका सामना करते हुए डरने लगता है।
-आपका बच्चा हमेशा गुमसुम रहने लग जाए या फिर रोकर या चिल्लाकर अपने इमोशन्स को बाहर निकालता है। ऐसा में आपको बच्चे के बिहेव पर ध्यान देने की जरूरत है।
-आपका बच्चा अगर बड़ा है तो उसे इस बात की समझ हो जाती है कि उसके साथ क्या गलत हो रहा है । वो इसकी शिकायत करने के लिए अपने लोगों को तलाशने लगता है। यहां तक कि वे अपने दोस्तों से पेरेंट की बुराई कर सकता है। इसका मतलब है कि बच्चा बहुत डिस्टर्ब है।
-आपके गुस्से के डर से बच्चे को हमेशा लगेगा कि किसी बात को मना करते ही उसकी पिटाई होगी या उसे फिर से गुस्से का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में बच्चा सच नहीं कह पाता है।
-कई बार बच्चा इतना डिस्टर्ब रहने लगता है कि वो घर के बजाय बाहर रहना ज्यादा पसंद करने लगता है। उसे अनसेफ होने की फीलिंग तक आ सकती है इसलिए वो दूसरे लोगों के साथ वक्त बिताना पसंद करेगा।