Judge Yashwant Verma: चर्चाओं में चल रहे दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला कर दिया गया है। जहां, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को वापस इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश की है। बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि जस्टिस यशवंत वर्मा से न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया है। यह फैसला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना के निर्देश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJ) देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने लिया।
सोमवार के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की कॉज लिस्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा को कोर्ट में मामलों की सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच नंबर-3 का प्रमुख दिखाया गया है। हालांकि, अब कोर्ट की तरफ से यह साफ हो गया है कि जस्टिस वर्मा सुनवाई में हिस्सा नहीं लेंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादले पर वकीलों का विरोध
वहीं, जस्टिस यशवंत वर्मा के इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादले को लेकर वहां के वकील विरोध कर रहे हैं। सोमवार को हाईकोर्ट के वकील लंच के बाद सांकेतिक हड़ताल पर भी गए। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता में आम बैठक हुई। आमसभा में जस्टिस वर्मा के इलाहाबाद तबादले का विरोध किया गया और इसे तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की गई। अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि जस्टिस वर्मा का हाईकोर्ट में विरोध किया जाएगा। किसी भी कीमत पर अधिवक्ता उन्हें यहां ज्वाइन नहीं करने देंगे, अगर वह ज्वाइन भी करते हैं तो उनकी कोर्ट का बहिष्कार किया जाएगा।
संजीव खन्ना ने HC को क्या निर्देश दिया?
दिल्ली हाईकोर्ट रजिस्ट्री की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘हालिया घटनाक्रम को देखते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा से तत्काल प्रभाव से न्यायिक कार्य वापस लिया जाता है।’ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ( CJI) संजीव खन्ना ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए। उन्होंने कहा था कि फैसला आने तक उन्हें सुनवाई से दूर रखा जाए।
नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड फडणवीस सरकार का बड़ा एक्शन, फहीम खान के घर चला बुलडोजर
यशवंत वर्मा के घर मिला था नोटो का भंडार
दरअसल, हाल ही में जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में आग लग गई और इस दौरान जस्टिस वर्मा घर पर नहीं थे। आग पर काबू पाने के बाद जब फायर ब्रिगेड घर में दाखिल हुई तो वहां बड़ी संख्या में नोट बिखरे हुए मिले, जिसके बाद इस घटना से पूरी दिल्ली में हड़कंप मच गया था।
कौन हैं जस्टिस यशवंत वर्मा?
जस्टिस यशवंत वर्मा का जन्म 6 जनवरी 1969 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बी.कॉम (ऑनर्स) की पढ़ाई की और मध्य प्रदेश के रीवा विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में उन्होंने कॉरपोरेट कानून, कराधान और कानून की संबद्ध शाखाओं के अलावा संवैधानिक, श्रम और औद्योगिक विधानों के मामलों में वकालत की। 56 वर्षीय जस्टिस वर्मा 1992 में एक वकील के रूप में पंजीकृत हुए थे। उन्हें 13 अक्टूबर 2014 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 1 फरवरी 2016 को उन्होंने स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
कॉमेडियन कुणाल कामरा के हैबिटेट स्टूडियो पर चलेगा हथौड़ा? BMC की पहुंची टीम