Sailana News: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के सैलाना में एक दर्दनाक घटना ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर कर दिया है। गर्भवती नीतू ग्वाला को अस्पताल से दो बार लौटाया गया, जिससे उसे समय पर इलाज नहीं मिल सका। जब प्रसव पीड़ा असहनीय हो गई, तो उसके पति कृष्णा ग्वाला को उसे हाथ ठेले पर अस्पताल ले जाना पड़ा। रास्ते में ही नीतू ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ घंटों बाद नवजात की मौत हो गई। यह घटना 23 और 24 मार्च की रात घटी, जिसने आमजन के बीच आक्रोश फैला दिया।
- विज्ञापन -हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था ठेले पर!सैलाना के सरकारी अस्पताल से गर्भवती महिला को दो बार लौटा दिया गया, रात में फिर प्रसव पीड़ा हुई मजबूर पति उसे हाथ ठेले से अस्पताल ले गया रास्ते में डिलीवरी हुई,नवजात की मौत हो गई pic.twitter.com/WLcdM99uQB
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) March 29, 2025
अस्पताल से दो बार लौटाई गई महिला
नीतू ग्वाला को 23 मार्च की सुबह उनके पति कृष्णा ग्वाला सैलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। अस्पताल में मौजूद नर्स ने जांच के बाद कहा कि प्रसव में अभी समय है और उन्हें घर भेज दिया। लेकिन उसी रात नीतू को दोबारा तेज प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद कृष्णा उसे फिर अस्पताल ले गए। वहां भी उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया गया कि अभी प्रसव का समय नहीं आया है।
स्थिति बिगड़ने पर कृष्णा ने कोई साधन न मिलने पर ठेले का सहारा लिया। Sailana अस्पताल पहुंचने से पहले ही ठेले पर नीतू का प्रसव हो गया, लेकिन नवजात को बचाया नहीं जा सका।
सोशल मीडिया पर गुस्सा और आलोचना
घटना का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसे पत्रकार अनुराग द्वारी ने साझा किया। तस्वीर में वह ठेला नजर आ रहा है, जिस पर नीतू को अस्पताल ले जाया गया था। इस पोस्ट पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। कई यूजर्स ने इसे सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता बताया, तो कुछ ने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए।
Sailana प्रशासन की कार्रवाई
बढ़ते दबाव के बाद Sailana प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सैलाना के एसडीएम मनीष जैन ने पुष्टि की कि प्रारंभिक जांच में लापरवाही सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग ने ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. पीसी कोली को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
हालांकि, नीतू और कृष्णा के लिए यह कोई राहत नहीं, क्योंकि उन्होंने अपने नवजात को खो दिया। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को दर्शाती है, जहां आज भी लोगों को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती।