- विज्ञापन -
Home Big News प्रशांत किशोर का बयान बना सियासी तीर, मतदान प्रतिशत बढ़ने के पीछे...

प्रशांत किशोर का बयान बना सियासी तीर, मतदान प्रतिशत बढ़ने के पीछे छिपा बड़ा संकेत!

Bihar Election 2025
Bihar Election 2025

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव (2025) के पहले चरण में 64.66 प्रतिशत मतदान के साथ, ऐसा माना जा रहा है कि जनता ने इतिहास रच दिया है। क्योंकि, कई सालों बाद मतदान प्रतिशत इतना बढ़ता हुआ देखा गया है। यहीं सवाल है कि आखिर इतने सालों बाद इस बार ऐसा क्या हुआ? इसी मुद्दे को लेकर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार (7 नवंबर, 2025) को बिहार के गयाजी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बड़ा खुलासा किया है, तो  चलिए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी।

प्रशांत किशोर ने क्या कहा?

- विज्ञापन -

प्रशांत किशोर ने कहा कि 14 तारीख को इतिहास लिखा जाएगा। जनता एक नए विकल्प को लेकर उत्साहित है। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों को इस चुनाव का एक्स-फैक्टर बताया। आज़ादी के बाद से अब तक का सबसे ज़्यादा मतदान इस बात का संकेत है कि पिछले 30 सालों से राजनीतिक विकल्पों की कमी ने उदासीनता को जन्म दिया था। जन सुराज के आगमन ने एक विकल्प प्रदान किया है। नए विकल्प के कारण मतदान हुआ। बदलाव के लिए मतदान हुआ। छठ के बाद रुके प्रवासी श्रमिकों ने मतदान करके सबको चौंका दिया।

बड़ी खबर: नोएडा-गाजियाबाद के 12 प्रोजेक्ट्स को UP RERA से मिली हरी झंडी, 7500+…

‘श्रमिकों की संख्या महिलाओं से कई ज़्यादा’

प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों की संख्या महिलाओं से कई ज़्यादा है। उन्होंने आगे कहा कि बड़े-बड़े विद्वान भी इतने ज़्यादा मतदान की भविष्यवाणी नहीं कर रहे थे। दो करोड़ से ज़्यादा लोगों ने वोट दिया है। प्रवासी मज़दूर बदलाव चाहते हैं, इसलिए उन्होंने अपने और अपने परिवार के लिए वोट डाला है।

नीतीश को वोट देने की मजबूरी अब खत्म

पीके ने आगे कहा कि, चुनाव सिर्फ़ यह तय नहीं करते कि कौन सत्ता में आएगा, बल्कि यह भी तय करते हैं कि कौन विपक्ष में होगा और कौन सड़कों पर उतरेगा। ये भूमिकाएं भी जनता तय करती है। उन्होंने कहा कि नीतीश के डर से लालू को और लालू के डर से नीतीश को वोट देने की मजबूरी अब खत्म हो गई है। लोगों में उत्साह है, इसलिए उन्होंने बड़ी संख्या में वोट दिया और मतदान प्रतिशत बढ़ा है।

UP में चार दिन बंद रहेगी जमीन रजिस्ट्री, जानिए क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला

- विज्ञापन -
Exit mobile version