DA Arrears: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए सबसे बड़ी खबर सामने आई है। कोविड महामारी के दौरान रोके गए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के 18 माह के बकाया भुगतान की उम्मीद है। केंद्र सरकार जल्द ही इस पर फैसला ले सकती है। वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की ओर से लगातार दबाव बना हुआ है। पिछले माह हुई कर्मचारी पक्ष की बैठक के बाद लगातार इस मसले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है.18 अगस्त 2022 को राष्ट्रीय परिषद के सचिव (स्टाफ पक्ष) शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव और राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष को एक पत्र भेजा है। पत्र में 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 का महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का बकाया भुगतान करने की मांग की गई है. पत्र की कॉपी Zee Business Digital के पास है. अब उम्मीद है कि नवंबर महीने में इस मामले पर कैबिनेट सचिव से चर्चा हो सकती है. साथ ही कर्मचारी अपने डीए एरियर का भुगतान करवा सकते हैं। हालांकि इस मामले में अभी तक सरकार की ओर से कुछ नहीं कहा गया है.
पत्र में क्या मांग रखी है?
पत्र में कहा गया है कि डीए एरियर (18 माह डीए एरियर) को लेकर सरकार से विस्तृत चर्चा की गई है. साथ ही, सचिव और राष्ट्रीय परिषद के सदस्य बकाया भुगतान के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। मंहगाई भत्ते के बकाया के 18 माह के वैध भुगतान पर विचार करने की आवश्यकता है। क्योंकि, COVID-19 महामारी के दौरान केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी ड्यूटी पर थे और अब COVID-19 महामारी के बाद वित्तीय स्थिति में भी सुधार हुआ है, इसलिए इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र
शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के 08 फरवरी 2021 के फैसले का भी जिक्र किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आर्थिक संकट के चलते कर्मचारियों का वेतन और पेंशन तुरंत रोका जा सकता है, लेकिन स्थिति में सुधार होने पर इसे कर्मचारियों को वापस देना होगा. यह कर्मचारियों का अधिकार है। भुगतान कानून के अनुसार किया जाना चाहिए।