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PM Kisan Yojana को लेकर सरकार सख्त, भूलकर भी न करें ये गलती वरना होगी कानूनी कार्रवाई!

PM Kisan Yojana : किसानों के लिए चलाई जा रही पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) का लाभ देश के करोड़ों किसान उठा रहे हैं। वहीं अब सरकार ने इस योजना के नियमों को पहले से सख्त कर दिया है। जिसके बाद कहा जा रहा है कि कई किसानों को इस योजना की किस्त वापस लौटानी पड़ सकती है।

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मिली जानकारी के मुताबिक ऐसे बहुत से किसान हैं जो इस योजना के पात्र नहीं थे, लेकिन फर्जी तरीके से वे इस स्कीम का लाभ उठा रहे थे। जिसके बाद सरकार ने इस स्कीम के नियमों को और भी सख्त कर दिया है। और उन किसानों को किस्त की राशि वापस करनी पड़ेगी।

अगले महीने तक पीएम किसान योजना की 16वीं किस्त जारी हो सकती है। बता दें कि नवंबर महीने में सरकार ने इस योजना की 15वीं किस्त जारी की थी। सरकार ने इस योजना के नियमों में जो बदलाव किए हैं, उनके बारे में जानते हैं।

क्या है पीएम किसान योजना?

पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को सरकार हर साल 6,000 रुपये की राशि प्रदान करती है। यह राशि किसानों को किस्त के रूप में दी जाती है। और हर किस्त में लाभार्थी के बैंक अकाउंट में 2,000 रुपये की राशि डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिये ट्रांसफर की जाती हैं। अभी तक सरकार ने योजना की 15 किस्त जारी की है। माना जा रहा है कि अगले महीने तक सरकार 16वीं किस्त ट्रांसफर कर सकती है।

पीएम किसान योजना के नियम

  1. जिन किसानों के पास खेती योग्य जमीन है केवल वही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
  2. परिवार के केवल एक सदस्य को ही इस स्कीम का लाभ मिलेगा। यानी परिवार में अगर पिता को योजना का लाभ मिल रहा है तो बेटे को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
  3. किराए की जमीन पर खेती करने वाले किसान इस योजना के पात्र नहीं है।
  4. जिस किसान के परिवार में कोई सदस्य प्रोफेशनल यानी वकील, डॉक्टर है तो उन्हें इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा।

इन किसानों को हो सकता है नुकसान

बता दें कि सरकार द्वारा समय-समय पर बैंक अकाउंट की जांच की जा रही है। जो किसान योग्य नहीं है उन्हें लाभार्थी लिस्ट से बाहर किया जा रहा है। अगर आपके परिवार में भी दो सदस्य इस स्कीम का लाभ उठा रहे हैं तो उन्हें इस स्कीम को छोड़ देना चाहिए। वहीं इसके अलावा जो किसान नियमों के खिलाफ जाकर या फर्जीवाड़ा करके योजना का लाभ ले रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में उन्हें किस्त की पूरी राशि वापस करनी पड़ सकती है।

 

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