Delhi Management Institute Sexual Harassment: दिल्ली के वसंत कुंज में स्थित प्रतिष्ठित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के पूर्व संचालक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर 32 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला तब सामने आया जब छात्राओं ने छेड़छाड़ और अभद्र भाषा के इस्तेमाल की शिकायत दर्ज कराई। Delhi पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है, जो फिलहाल फरार है।
- विज्ञापन -#WATCH | Delhi | Visuals from outside Sri Sharda Institute of Indian Management in Vasant Kunj area.
Swami Chaitanyananda Saraswati @ Parth Sarthy, of the institute, has been accused of allegedly molesting girl students pursuing PGDM courses here under EWS scholarship.… pic.twitter.com/UIDlSlXpBx
— ANI (@ANI) September 24, 2025
पुलिस की जांच और चौंकाने वाले खुलासे
शिकायत मिलने के बाद वसंत कुंज (नॉर्थ) पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने संस्थान के सीसीटीवी फुटेज अपने कब्जे में लिए और संस्थान के बेसमेंट से आरोपी की एक वोल्वो कार भी जब्त की। इस कार पर एक फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी हुई थी, जिसका इस्तेमाल स्वामी अपना रसूख दिखाने के लिए करता था। इस मामले में एक और अलग केस दर्ज किया गया है।
#WATCH | Delhi | One Swami Chaitanyananda Saraswati @ Parth Sarthy, manager of Sri Sharda Institute of Indian Management, has been accused of allegedly molesting girl students pursuing PGDM courses under EWS scholarship at the institute. Statements of 32 girl students were… https://t.co/GJxGqadBj0 pic.twitter.com/hJx50GPqao
— ANI (@ANI) September 24, 2025
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, जिसका पूर्व नाम डॉ. पार्थसारथी था, ईडब्ल्यूएस स्कॉलरशिप पर पढ़ रही छात्राओं को निशाना बनाता था। अब तक 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 17 ने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि वह उन्हें अश्लील मैसेज भेजता था, गंदी भाषा का इस्तेमाल करता था और शारीरिक छेड़छाड़ करता था। चौंकाने वाली बात यह है कि छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ महिला फैकल्टी और प्रशासनिक कर्मचारी उन पर दबाव डालते थे कि वे स्वामी की गलत मांगों को मान लें।
शृंगेरी पीठ का बयान और कार्रवाई
इस घटना पर श्री शृंगेरी (कर्नाटक) से दक्षिणाम्नाय श्रीशारदापीठ ने तुरंत कार्रवाई की। पीठ ने एक बयान जारी कर कहा कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के आचरण और गतिविधियां “अवैध, अनुचित और पीठ के हितों के खिलाफ” रही हैं, जिसके चलते उनसे सभी संबंध समाप्त कर दिए गए हैं। पीठ ने संबंधित अधिकारियों के पास भी शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संस्थान एआईसीटीई (AICTE) से मान्यता प्राप्त है और यह पीठ के अधीन है। संस्थान का संचालन अब एक गवर्निंग काउंसिल द्वारा किया जा रहा है, जिसकी अध्यक्षता प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. कृष्णा वेंकटेश कर रहे हैं। गवर्निंग काउंसिल ने छात्रों के हितों की पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
आरोपी फरार, तलाश जारी
मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी को उसके पद से हटा दिया गया है। Delhi पुलिस के अनुसार, पुलिस की टीमें आरोपी की तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं। उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में मिली थी, लेकिन वह अभी भी फरार है। पुलिस ने पटियाला हाउस की मजिस्ट्रेट कोर्ट में 16 छात्राओं के बयान भी दर्ज कराए हैं। यह मामला न केवल एक आपराधिक घटना है, बल्कि इसने शिक्षा और धार्मिक संस्थानों की पवित्रता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।