AAP Classroom Scam: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया AAP और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ एक बार फिर कानूनी कार्रवाई हुई है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिसमें उन पर 2015-16 में शुरू हुए स्कूल निर्माण प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में करीब 2000 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा किया गया है। उस दौरान सिसोदिया शिक्षा मंत्री और जैन लोक निर्माण विभाग के मंत्री थे।
BJP नेताओं हरीश खुराना, कपिल मिश्रा और नीलकंठ बख्शी ने 2019 में इस घोटाले की शिकायत की थी। उनका आरोप था कि क्लासरूम निर्माण की लागत को जरूरत से कहीं अधिक बढ़ाया गया और नियमों की अनदेखी की गई। शुरुआती जांच में पाया गया कि सिर्फ 18 कमरों के निर्माण पर 12 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसके अलावा, 194 स्कूलों में 1214 शौचालय बनाए गए जबकि आवश्यकता केवल 160 की थी। इससे 37 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च हुए।
फरवरी 2020 में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने एक रिपोर्ट में इन अनियमितताओं की पुष्टि की। रिपोर्ट में कहा गया कि निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं थी और निर्माण लागत को ‘अतिरिक्त विशिष्टताओं’ के नाम पर 90% तक बढ़ा दिया गया। 2022 में दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने मामले की जांच की सिफारिश की थी, लेकिन लंबे समय तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस पर संज्ञान लिया और गृह मंत्रालय ने मार्च 2025 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच की अनुमति दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद ACB ने FIR दर्ज की। जांच में पाया गया कि सिसोदिया और जैन ने विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर यह घोटाला किया।
सत्येंद्र जैन पर एक अन्य प्रोजेक्ट—571 करोड़ के CCTV टेंडर—में भी रिश्वतखोरी के आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने BEL कंपनी पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को 7 करोड़ की रिश्वत लेकर माफ किया।
AAP ने इन सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज किया है, जबकि BJP ने इन्हें “घोटालों की सरकार” का सच बताया है।