How To Control Heartattack: खराब जीवनशैली, गलत खान-पान, तनाव, आलस्य, देर रात तक जागना और अगली सुबह देर से सोना कोलेस्ट्रॉल, शुगर और फैट को बढ़ाता है। विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से कम होनी चाहिए। कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं- अच्छा और बुरा कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल और एचडीएल)। बैड कोलेस्ट्रॉल (लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन) के बढ़ने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
खराब कोलेस्ट्रॉल रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है। इसके लिए आपको अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अगर आप भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से परेशान हैं और इसे कंट्रोल करना चाहते हैं तो प्राणायाम आपकी मदद कर सकता है। ऐसे में आपका अस्पताल का खर्च बचेगा। कुछ रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि प्राणायाम करने से बैड कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है।
विशेषज्ञों की मानें तो बैड कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापे समेत कई बीमारियों से निजात दिलाने के लिए योग फायदेमंद है।
शोध परीक्षणों से पता चला है कि प्राणायाम करने से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।
भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama)– स्वच्छ वातावरण में पद्मनास की मुद्रा में बैठकर अपनी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें। पहले लंबी सांस लें और फिर अपने फेफड़ों में हवा भरें। इसके बाद एक-एक करके तेजी से सांस छोड़ें। इस आसन को एक बार में कम से कम दस बार करें। इस योग को रोजाना सुबह और शाम दोनों समय करें। इससे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।
उज्जायी प्राणायाम (Ujjayi Pranayama)– यह संस्कृत शब्द उज्जयी से बना है। अंग्रेजी में इसका मतलब जीत होता है। इस योग को करने से एकाग्रता बढ़ती है और चिंता दूर होती है। साथ ही फेफड़े भी सुचारू रूप से काम करने लगते हैं। इस योग में गहरी सांस छोड़ी जाती है। उज्जायी प्राणायाम के नियमित अभ्यास से श्वसन तंत्र मजबूत होता है।
कपालभाति (Kapalbhati)– इस योग में सांस को देर तक रोकने की कोशिश की जाती है। साथ ही पेट और फेफड़ों की मदद से सांस को बाहर निकाला जाता है। इससे फेफड़े शुद्ध होते हैं। इस योग को करने से पाचन और श्वसन तंत्र मजबूत होता है।