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Divorce: पेरेंट्स का तलाक बच्चों के लिए किसी सदमे से कम नहीं, इन उम्र में इमोशनल हेल्थ पर भी पड़ता है असर

How Divorce Affect Child: जब माता-पिता अलग होने का निर्णय लेते हैं तो इसका न केवल उन पर बल्कि उनके बच्चों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। तलाक की प्रक्रिया और उसके परिणाम बच्चों के लिए भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

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खासकर अगर बच्चे की उम्र 6-12 साल के बीच हो। इस उम्र में बच्चा जीवन के उस पड़ाव पर होता है जहां उसे बातें तो ठीक से समझ नहीं आती लेकिन उसके सवाल बहुत गहरे होते हैं। साथ ही इस उम्र में हर बच्चा दूसरों के सामने अपनी छवि को लेकर काफी गंभीर रहता है। साथ ही इस उम्र में घटी अच्छी-बुरी घटनाएं उसे जीवनभर याद रहती हैं। इसलिए, इस उम्र में माता-पिता को बच्चे के पालन-पोषण के लिए बहुत मिलकर काम करना चाहिए ताकि वह भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहे।

तलाक का बच्चों पर पड़ता है ये असर!

  • तलाक की खबर से बच्चे अक्सर भ्रम, उदासी, गुस्सा, उदासी और डर जैसी भावनाओं का अनुभव करते हैं। उनके लिए यह समझना मुश्किल होता है कि ऐसा क्यों होता है और इससे उनके भविष्य पर कैसा असर पड़ेगा
  • पेरेंट्स की तलाक की खबर से बच्चों में सुरक्षा की भावना कमजोर हो जाती है। घर का माहौल तनावपूर्ण रहने से बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं। परिवार टूटने की बात उनके अंदर चलती रहती है।
  • तलाक का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ सकता है। उन्हें कक्षा में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है या उनका प्रदर्शन गिर सकता है। इसके अतिरिक्त, स्कूल में अन्य बच्चों के साथ उनके रिश्ते भी प्रभावित हो सकते हैं।
    तलाक के बाद बच्चों को अक्सर माता-पिता दोनों के साथ कम समय बिताने का मौका मिलता है। इससे उनके रिश्तों में तनाव आ सकता है। बच्चे माता-पिता में से किसी एक को दोष दे सकते हैं या उनके बीच बंटा हुआ महसूस कर सकते हैं।
  • तलाक का अनुभव बच्चों में भविष्य को लेकर चिंता पैदा कर सकता है। उन्हें डर हो सकता है कि उनके साथ भी वही होगा या उन्हें कभी स्थिरता नहीं मिलेगी।
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