Lucknow skyscraper: लखनऊ अब नए दौर की तरफ बढ़ रहा है। शहर में पहली बार ऐसी ऊंची इमारतें बनने जा रही हैं, जो अब तक सिर्फ मेट्रो शहरों या दुबई जैसे विकसित स्थानों में देखी जाती थीं। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने हाल ही में 35 से 42 मंजिल तक की बिल्डिंग्स के नक्शों को स्वीकृति दे दी है। इस बदलाव के बाद लखनऊ की स्काईलाइन पूरी तरह बदल जाएगी और यहां आने वाले लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ऊंची इमारतें दिखेंगी।
अब तक Lucknow में 20 से 25 मंजिल तक की ही इमारतों के निर्माण की अनुमति थी, लेकिन बदलती जरूरतों और जमीन की घटती उपलब्धता को देखते हुए यूपी सरकार ने फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) नीति में बदलाव किया है। इस नई नीति के तहत अब डेवलपर्स को अधिक ऊंची इमारतें बनाने की इजाजत मिल रही है। एलडीए के मुताबिक, शहर में तेजी से बढ़ती आबादी और व्यावसायिक जरूरतों के कारण अब ऊंची इमारतों का निर्माण जरूरी हो गया है।
गोमती नगर, विभूति खंड और शहीद पथ के आस-पास की जगहों को इस नए विकास का केंद्र बनाया जा रहा है। फिलहाल तीन प्रमुख कंपनियों की परियोजनाओं के नक्शे पास किए गए हैं, जिनकी इमारतों की ऊंचाई 32 से 42 मंजिल के बीच होगी। इन इमारतों में लग्जरी सुविधाओं का खास ध्यान रखा जाएगा। यहां रहने वालों को स्विमिंग पूल, मल्टीलेवल पार्किंग, हरित पार्क, जिम, हाई-स्पीड लिफ्ट और अन्य आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।
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एलडीए ने एक साल पहले इस प्रकार की ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी, लेकिन अब जमीन पर इन प्रोजेक्ट्स की शुरुआत हो रही है। लखनऊ में यह पहली बार है जब इतनी ऊंची इमारतों के लिए नक्शे पास किए गए हैं। पहले जहां 25 मंजिल ही ऊपरी सीमा थी, अब 42 मंजिल तक की ऊंचाई की इमारतें भी शहर की तस्वीर का हिस्सा बनेंगी।
इस बदलाव से Lucknow का हाउसिंग सेक्टर और तेजी से बढ़ेगा। लोग अब लग्जरी फ्लैट्स और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं पाने के लिए अपने ही शहर में विकल्प देख सकेंगे। आने वाले वर्षों में लखनऊ की पहचान भी गगनचुंबी इमारतों और वर्ल्ड क्लास रिहायशी परियोजनाओं से जुड़ने लगेगी।