Etawah riot: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचक कांड ने बड़ा रूप ले लिया है। बकेवर क्षेत्र के दांदरपुर गांव में तीन दिन पहले भागवत कथा के दौरान यादव और जाटव जाति के आचार्यों के साथ गंभीर दुर्व्यवहार किया गया था। कथित रूप से उनकी चोटी काट दी गई, सिर मुंडवा दिया गया और यजमान महिला का पेशाब उन पर फेंका गया। यही नहीं, कथावाचकों से महिला के पैर पर नाक रगड़वाने जैसी अमानवीय हरकत भी करवाई गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आते ही पुलिस हरकत में आई और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
समाजवादी पार्टी ने इस घटना को बड़ा मुद्दा बनाते हुए पीड़ित भागवताचार्यों को लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया। इसके बाद मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया। इसी बीच यजमान महिला ने कथावाचकों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने बुधवार रात कथावाचकों पर जाति छिपाकर कथा करने का भी मामला दर्ज कर लिया।
Etawah पुलिस की इस कार्रवाई से यादव समाज में गहरा आक्रोश फैल गया। गुरुवार को समाज के करीब तीन सौ कार्यकर्ता बकेवर थाने पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। इसके बाद इटावा-आगरा हाईवे पर जाम लगा दिया। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो प्रदर्शनकारी दांदरपुर गांव की तरफ बढ़ गए।
लुधियानी निबाड़ीकला मार्ग पर Etawah पुलिस और प्रदर्शनकारियों की आमने-सामने की स्थिति बन गई। पुलिस ने इन्हें गांव में घुसने से रोकने की कोशिश की, जिस पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से बहस शुरू कर दी। पुलिस के न मानने पर भीड़ ने ईंट-पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। पथराव में पुलिस की कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं।
स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने अतिरिक्त बल बुलाया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया। इस दौरान पुलिस ने करीब आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया। इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। दांदरपुर गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। गांव के लोग डरे हुए हैं और अपने घरों में बंद हैं।
यह मामला अब न केवल कानून व्यवस्था का मुद्दा बन गया है, बल्कि इससे जातीय और राजनीतिक तापमान भी बढ़ गया है। पुलिस शांति बनाए रखने की कोशिश कर रही है और पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है।