Abdullah Azam News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम एक बार फिर कानूनी संकट में घिर गए हैं। स्टांप शुल्क की चोरी के आरोपों में उनके खिलाफ रामपुर के जिलाधिकारी न्यायालय ने ₹4.64 करोड़ की वसूली प्रमाण पत्र (आरसी) जारी की है। यह मामला 2022 में तीन बार अलग-अलग भूमि खरीद के दौरान कम स्टांप शुल्क जमा करने से जुड़ा है, जिसमें कृषि भूमि बताकर आवासीय भूमि की रजिस्ट्री कराई गई थी।
21 फरवरी, 4 अप्रैल और 8 अप्रैल 2022 को बेनजीरपुरा घाटमपुर इलाके में अब्दुल्ला ने तीन प्लॉट खरीदे। रजिस्ट्री में इन जमीनों को कृषि श्रेणी का दिखाया गया, जबकि एसडीएम सदर की रिपोर्ट के अनुसार वे सभी जमीनें आवासीय थीं। इस गड़बड़ी का पता चलने के बाद डीएम कोर्ट ने अप्रैल 2024 में Abdullah Azam को 30 दिन के भीतर ₹4.64 करोड़ जुर्माना जमा करने का आदेश दिया था। लेकिन तय समय सीमा में रकम जमा न करने पर अब प्रशासन ने उनके खिलाफ आरसी जारी कर दी है।
आरसी की रकम में कमी स्टांप शुल्क, निबंधन शुल्क और अर्थदंड शामिल है। तीनों जमीनों के मामलों में क्रमशः ₹2.78 करोड़, ₹92.93 लाख और ₹92.93 लाख की वसूली तय हुई। अब नियमानुसार, अब्दुल्ला को ₹4.64 करोड़ की मूल राशि पर 10% अतिरिक्त प्रशासनिक शुल्क और बैनामा तारीख से अदायगी तक 1.5% वार्षिक ब्याज भी चुकाना होगा। ऐसे में कुल देय राशि ₹5 करोड़ से अधिक होने की संभावना है।
प्रभारी डीजीसी (रेवेन्यू) प्रेम किशोर पांडेय ने बताया कि जुर्माना जमा न करने की स्थिति में ही आरसी जारी की गई है और अब तहसील स्तर पर वसूली की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इस कार्रवाई के तहत अब्दुल्ला की संपत्ति कुर्की, बैंक खाते सील और अन्य विधिक उपाय भी हो सकते हैं।
कानून विशेषज्ञों का मानना है कि Abdullah Azam के पास कानूनी विकल्प खुले हैं। वे एडीएम की ओर से जारी आरसी के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं या परिसीमा अधिनियम के तहत कमिश्नर कोर्ट में विलंब माफी का प्रार्थना पत्र देकर राहत मांग सकते हैं।
गौरतलब है कि Abdullah Azam पहले ही जन्म प्रमाण पत्र घोटाले और धोखाधड़ी जैसे मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं और हाल ही में हरदोई जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं। अब स्टांप चोरी का यह मामला उनके लिए एक और बड़ी परेशानी बन गया है।