- विज्ञापन -
Home UP News CJI पर जूता फेंकने की कोशिश: नेताओं में रोष, मायावती बोलीं—शर्मनाक और...

CJI पर जूता फेंकने की कोशिश: नेताओं में रोष, मायावती बोलीं—शर्मनाक और निंदनीय

MAYAWATI CJI
MAYAWATI

CJI Attack: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को हुई एक चौंकाने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई की अदालत में एक वकील ने उन पर जूता फेंकने की कोशिश की। हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल हरकत में आते हुए वकील को काबू में कर लिया और उसे कोर्ट रूम से बाहर निकाल दिया। पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए वकील राकेश किशोर को करीब तीन घंटे बाद रिहा कर दिया गया। इस घटना ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है।

- विज्ञापन -

कोर्ट के बाहर ले जाते समय वकील राकेश किशोर “सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” का नारा लगाते हुए देखा गया। घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसका वकालत पंजीकरण रद्द कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला यह कदम न्यायपालिका के सम्मान पर सीधा हमला है।

बसपा प्रमुख मायावती ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा, “भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ अभद्रता का प्रयास अति-दुखद है, इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। सभी को इस पर गंभीर संज्ञान लेना चाहिए।” मायावती के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CJI बी.आर. गवई से फोन पर बात की और उनके प्रति एकजुटता जताई। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट में इस तरह का हमला हर भारतीय के लिए शर्मनाक है। ऐसी हरकतों की समाज में कोई जगह नहीं है।” मोदी ने गवई के धैर्य की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने न्याय और संविधान की भावना को मजबूती दी है।

अली और अबान की जेल मुलाकात: परिवार की छुपी साजिशें और हाई-सिक्योरिटी ड्रामा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना को न्यायपालिका की गरिमा पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि नफरत की ऐसी सोच का हमारे लोकतांत्रिक समाज में कोई स्थान नहीं है।

वहीं समाजवादी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस घटना को “मनुवादी मानसिकता” की उपज बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग न्यायपालिका पर दबाव बनाकर अपने हित में फैसले करवाने की कोशिश करते हैं। मौर्य ने बार काउंसिल से ऐसे वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

इस पूरे CJI मामले ने न्यायपालिका की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि अदालत की गरिमा को ठेस पहुँचाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

- विज्ञापन -
Exit mobile version