Kasganj News : कासगंज जिले में एक बार फिर कोरोना संक्रमण की आशंका बढ़ने लगी है। वर्ष 2021 की दूसरी लहर की भयावहता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऑक्सीजन प्लांट की मॉकड्रिल कराई गई, ताकि संभावित आपात स्थिति में तैयारियों का आंकलन किया जा सके।
मॉकड्रिल के दौरान सबसे चौंकाने वाला मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंजडुंडवारा स्थित ऑक्सीजन प्लांट का रहा। प्लांट लम्बे समय से तकनीशियन के अभाव में बंद पड़ा था। मॉकड्रिल के लिए इसे खोला गया, लेकिन जांच के दौरान प्लांट तकनीकी खामियों के चलते पूर्ण रूप से कार्यशील नहीं मिला। नोडल अधिकारी डॉ. मदन के नेतृत्व में हुई जांच में ऑक्सीजन प्रेशर, पाइपलाइन, शुद्धता स्तर और ICU में दबाव आदि की समीक्षा की गई। प्लांट किसी भी आपातकालीन स्थिति में सेवा देने योग्य नहीं पाया गया।
जिला अस्पताल में तीन प्लांट चालू
जिला अस्पताल में डॉ. एन एन चौहान और WHO की सलाहकार मेघना के निरीक्षण में तीन ऑक्सीजन प्लांट कार्यरत मिले। लेकिन जननी सुरक्षा वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई उपलब्ध नहीं थी। यह वार्ड माताओं और नवजातों के लिए सबसे अहम है, ऐसे में सप्लाई न होना गंभीर लापरवाही मानी जा रही है। CMS डॉ. संजीव सक्सेना ने जल्द ही इस खामी को दुरुस्त कराने की बात कही है।
सफाई के बाद खोला गया बंद प्लांट
गंजडुंडवारा प्लांट के चारों ओर की झाड़ियाँ और घास हटाकर सफाई कराई गई। लंबे समय से बंद पड़े प्लांट को खोलकर जब चालू करने का प्रयास किया गया, तब जाकर खामियाँ सामने आईं। इससे यह स्पष्ट हो गया कि ऑक्सीजन प्लांट की नियमित देखरेख नहीं हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों पर संदेह
इस मॉकड्रिल से यह बात सामने आ गई है कि कासगंज जिला स्वास्थ्य विभाग आपात स्थितियों के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। तकनीकी स्टाफ की कमी, उपकरणों की अनदेखी और वार्डों में सप्लाई की अव्यवस्था से भविष्य में बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है।
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विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि समय रहते ऑक्सीजन प्लांटों की मरम्मत, स्टाफ की तैनाती और वार्ड स्तर पर निगरानी बढ़ाई जाए, जिससे किसी भी आपदा के समय मरीजों की जान बचाई जा सके।