Ghaziabad में हाउस टैक्स बढ़ोतरी रद्द, जनता को बड़ी राहत

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Ghaziabad

Ghaziabad house tax: गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में सोमवार को बड़ा फैसला लिया गया। डीएम सर्कल रेट के आधार पर प्रस्तावित हाउस टैक्स बढ़ोतरी को पूरी तरह रद्द कर दिया गया है। इस फैसले से शहरवासियों को बड़ी राहत मिली है। नगर निगम अब पुराने रेट के अनुसार ही हाउस टैक्स वसूलेगा। मेयर सुनीता दयाल ने इस फैसले की आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि दो महीने तक हाउस टैक्स का कोई भी नोटिस नहीं भेजा जाएगा।

बैठक में बारी-बारी से सभी पार्षदों की राय ली गई, जिसमें सभी ने हाउस टैक्स बढ़ोतरी को गलत ठहराया और इसके खिलाफ एकजुट होकर फैसला सुनाया। जो लोग पहले ही बढ़ा हुआ टैक्स जमा कर चुके हैं, उनके भुगतान को भविष्य में समायोजित किया जाएगा।

बैठक में Ghaziabad के सांसद अतुल गर्ग, सदर विधायक संजीव शर्मा, साहिबाबाद से विधायक और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, मुरादनगर विधायक अजीतपाल त्यागी समेत सभी जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने हाउस टैक्स में बढ़ोतरी को जनविरोधी कदम बताया और इसे वापस लेने का समर्थन किया।

नगर आयुक्त Ghaziabad विक्रमादित्य मलिक ने बोर्ड को नए टैक्स स्लैब के बारे में समझाने की कोशिश की, लेकिन पार्षदों और जनप्रतिनिधियों ने इसे जनता पर अनावश्यक बोझ मानते हुए खारिज कर दिया। जनप्रतिनिधियों ने निगम से अपील की कि टैक्स वसूली में पारदर्शिता हो और सभी से समान रूप से कर वसूला जाए ताकि किसी पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने बैठक में स्पष्ट कहा कि अधिकारियों को पार्षदों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए और उनके सम्मान का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स निर्धारण में जो गड़बड़ी करते हैं, उनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।

बैठक के दौरान कांग्रेस पार्षद अजय शर्मा ने बीजेपी को घेरने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना चर्चा के चुपचाप टैक्स बढ़ा दिया गया और बाद में बीजेपी के पूर्व पार्षद इसे कोर्ट में चुनौती देने पहुंच गए। इस मुद्दे पर सदन में काफी बहस और हंगामा भी हुआ।

मेयर सुनीता दयाल ने बताया कि आगे हाउस टैक्स का सर्वे कराकर सही आंकड़े जुटाए जाएंगे और हर दो साल में सिर्फ 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। मकान की आयु के अनुसार दी जाने वाली टैक्स छूट भी अब खत्म कर दी गई है।

7 मार्च को बिना सहमति बढ़ाए गए हाउस टैक्स का मामला अब हाई कोर्ट में लंबित है, जिसकी अगली सुनवाई 29 जुलाई को होनी है।