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Iron Ladies का नेतृत्व, धर्मनिरपेक्ष सेना की जय: ऑपरेशन सिंदूर में भारत की बेटियाँ सबसे आगे

Iron Ladies

Iron Ladies News: 7 मई, 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया, जब दो महिला अधिकारी—कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह—‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का ऐलान करते हुए दुनिया के सामने एक धर्मनिरपेक्ष, मजबूत और समावेशी भारतीय सेना की तस्वीर पेश करती नज़र आईं।

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भारतीय सेना की Iron Ladies कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह आज केवल सेना की अधिकारी नहीं, बल्कि भारत की “लौह महिलाएं” बन चुकी हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब देने वाले ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की घोषणा करते हुए इन दोनों ने न केवल अपने अद्वितीय सैन्य कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि भारतीय सेना की धर्मनिरपेक्ष और लैंगिक समावेशिता की भावना को भी नई ऊंचाई पर पहुंचाया।

ऑपरेशन सिंदूर, जो पाकिस्तान और POK में फैले नौ आतंकी शिविरों को लक्षित करने के लिए शुरू किया गया था, भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना का संयुक्त अभियान था। यह हमला 7 मई की सुबह शुरू हुआ और बेहद सटीक, मापा हुआ और रणनीतिक रूप से निर्णायक रहा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि इस पूरे ऑपरेशन को बिना किसी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाए, सिर्फ आतंकी ढांचों को समाप्त करने के उद्देश्य से अंजाम दिया गया।

कर्नल सोफिया कुरैशी: रणनीति की मिसाल

भारतीय सेना की वरिष्ठ अधिकारी, कर्नल सोफिया कुरैशी, इस ऑपरेशन में अपने रणनीतिक नेतृत्व और संप्रेषण कौशल के लिए जानी गईं। पीआईबी की प्रेस वार्ता में जब उन्होंने सेना के अभियान की जानकारी साझा की, तो देश ने देखा कि कैसे एक महिला अधिकारी बिना किसी हिचक के उच्चतम सुरक्षा मंच पर अपनी बात रख सकती है। उनका आत्मविश्वास, दृढ़ता और राष्ट्र के प्रति समर्पण आज भारत की नई सैन्य शक्ति का चेहरा बन चुका है।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह: आकाश की महारथी

भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इस बहु-डोमेन ऑपरेशन में IAF के योगदान को निर्णायक रूप में प्रस्तुत किया। वह ऑपरेशन में वायु क्षेत्र से आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाने की योजना का हिस्सा थीं, और प्रेस वार्ता में उन्होंने दर्शाया कि कैसे महिला अधिकारी भी हवाई युद्धक रणनीतियों में सर्वोच्च भूमिका निभा सकती हैं। उनकी पेशेवर दक्षता ने यह सिद्ध कर दिया कि IAF में महिलाएं अब केवल प्रतिनिधित्व की बात नहीं, बल्कि नेतृत्व की मिसाल बन चुकी हैं।

धर्मनिरपेक्ष सेना, मजबूत राष्ट्र

इन Iron Ladies  दोनों अधिकारियों की मौजूदगी न केवल सैन्य क्षेत्र में महिला शक्ति का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारतीय सेना जाति, धर्म और लिंग से ऊपर उठकर केवल ‘भारत’ की रक्षा के लिए समर्पित है। सेना का धर्म ‘राष्ट्र रक्षा’ है और उसके सैनिकों की पहचान उनकी योग्यता से होती है, न कि उनके नाम या जेंडर से।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नामकरण करना, और फिर इन महिला अधिकारियों की अगुवाई में उसकी सफलता की घोषणा होना, देश के लिए गौरव का क्षण है। सुप्रिया श्रीनेत का सोशल मीडिया पर दिया गया बयान—“यह मेरा भारत है! हमारे दुश्मन सावधान रहें”—हर भारतीय की भावना को शब्द देता है।

नारी शक्ति का युग प्रारंभ

1888 में सैन्य नर्सिंग सेवा की शुरुआत से लेकर आज ऑपरेशन सिंदूर की अगुवाई तक, भारतीय सेना ने Iron Ladies  नारी शक्ति को सम्मान और नेतृत्व देने में अभूतपूर्व प्रगति की है। लेफ्टिनेंट जनरल पुनीता अरोड़ा और विंग कमांडर शालिजा धामी जैसी पूर्ववर्ती प्रेरणाओं के पदचिन्हों पर चलतीं कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह ने यह साबित किया है कि देश की रक्षा में महिलाओं की भूमिका निर्णायक है।

Iron Ladies  कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की कहानी केवल सैन्य पराक्रम की नहीं, बल्कि एक ऐसे भारत की है जो समावेशिता, धर्मनिरपेक्षता और दृढ़ संकल्प में विश्वास करता है। ये लौह महिलाएं आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं—एक गर्वित, अडिग और वीर भारत की प्रतीक।

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