Kairana exodus: कैराना के मौहल्ला बिसातियान की गली शिवपुरी खटीकान में सोमवार को एक बार फिर पलायन का मुद्दा गर्मा गया जब गली के निवासियों ने पुलिस की कार्रवाई से असंतोष व्यक्त करते हुए पलायन का बोर्ड लगा दिया। महिलाओं और पुरुषों ने धरना देकर विरोध जताया। मामला 31 अक्टूबर की शाम का है जब नितिन कुमार, पुत्र जनेश्वर, अपने घर के पास स्थित डेंटल क्लीनिक के बाहर कुर्सी पर बैठा था। तभी फरमान, शाद, सुहैल और कफील समेत कुछ अज्ञात युवक वहां पहुंचे और हाथों में लाठी-डंडे लिए जातिसूचक गालियां देने लगे।
नितिन के विरोध करने पर आरोपियों ने उस पर लाठियों से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। क्लीनिक के संचालक, डॉक्टर भानु ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उन पर भी हमला कर दिया, जिससे वे भी चोटिल हो गए। हमले के बाद मोहल्ले के लोग घटनास्थल पर जुटने लगे, जिससे आरोपियों को घिरने का एहसास हुआ और वे अपनी बाइक छोड़कर भाग खड़े हुए। बाइक का नंबर यूपी 19 बी 1621 पुलिस के पास घटना की पुष्टि के लिए सबूत के रूप में है।
घायलों ने प्राथमिक उपचार के बाद Kairana कोतवाली में लिखित तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर जातिसूचक शब्दों और मारपीट के आरोपों में मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की और मात्र शांति भंग के आरोपों में चालान करके आरोपियों को छोड़ दिया।
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इसी वजह से सोमवार को मोहल्ले के निवासियों ने गली के बाहर ‘पलायन’ का बोर्ड लगाकर अपनी नाराजगी जताई और धरने पर बैठ गए। धरने में महिलाओं और पुरुषों की बड़ी संख्या देखी गई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस की नाकाफी कार्रवाई से उनका सुरक्षा का विश्वास टूट गया है।
मोहल्लेवासियों ने Kairana पुलिस से मांग की कि वे घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। मामले ने कैराना में सामाजिक तनाव को फिर से बढ़ा दिया है, जिससे स्थानीय प्रशासन के लिए स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई है।