Kanpur News : यूपी के कानपुर में पार्षदों को वार्ड रोशन करने के लिए दी जा रहीं 55-55 स्ट्रीट लाइट घटिया क्वालिटी की निकलीं। पार्षदों ने इसका विरोध करना भी शुरू कर दिया है। भाजपा पार्षदों ने ही नगर निगम पर आरोप लगाए हैं कि स्ट्रीट लाइट मानक के मुकाबले बेहद घटिया क्वालिटी की दी जा रही हैं, जो जलाने पर कुछ दिनों में हीट होकर आग पकड़ रही हैं। मामले में वरिष्ठ भाजपा पार्षद महेंद्र पांडेय पप्पू ने बताया कि स्ट्रीट लाइट खरीद में जमकर नगर निगम अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया है। टेंडर में दूसरी कंपनी की लाइट और वेंडर द्वारा सप्लाई किसी और कंपनी की दी जा रही है। स्ट्रीट लाइट एक महीने भी नहीं चल पा रही हैं।
18 प्रतिषत बिलो पर कई कंपनियों ने लिए टेंडर
स्ट्रीट लाइट बड़े पैमाने पर खराब होने पर वार्डों में फिर से अंधेरा छा रहा है। पार्शदों ने खुल कर आरोप लगाया है कि जो टेंडर की राषि निगम द्वारा तय की गई थी उससे करीब 18 प्रतिषत बिलो पर कंपनियों ने टेंडर डाले, जिससे की वह टेंडर उनको मिल जाए। अब ऐसे में इतने कम रूपये में टेंडर लेने के बाद भ्रश्टाचार होना तय है। आपको बता दें कि अभी कुछ समय पहले ही नगर निगम के एक बड़े अफसर के कार्यभार ग्रहण करने के बाद ठेकेदारों द्वारा किए कार्यों के भुगतान रोक दिए गए थे। इसके बाद चर्चा रही कि जिसने साढ़े पांच प्रतिषत अलग से कमीषन दिया उसका तत्काल प्रभाव से भुगतान कर दिया गया। अब इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो जांच का विशय है।
5 करोड़ रुपए से 110 वार्डों में 55-55 स्ट्रीट लाइट की जानी सप्लाई
पार्षदों ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्र लिखकर की है। पत्र के मुताबिक करीब साढ़े 5 करोड़ रुपए से शहर के सभी 110 वार्डों में 55-55 स्ट्रीट लाइट सप्लाई की जानी थी, लेकिन ये पूरी तरह खराब क्वालिटी की हैं। पीडब्लूडी एसओर के मानकों पर भी स्ट्रीट लाइट नहीं खरीदी गई। नगर निगम में पहली बार प्रत्येक वार्ड के लिए करीब साढ़े 5 लाख रुपए से स्ट्रीट लाइट खरीद का टेंडर किया गया। इसमें करीब 15 ठेकेदारों ने टेंडर लिए। कुछ ठेकेदारों ने 18 परसेंट बिलो तक टेंडर डाले हैं। इस पर ही उनकी गुणवत्ता सप्लाई पर सवाल उठने लगे हैं।
ठेकेदारों से विभाग मांग रहा 5-5 स्ट्रीट लाइट
पार्षद नीरज बाजपेई ने बताया कि प्रत्येक वार्ड के लिए 55-55 स्ट्रीट लाइट खरीदी गई हैं, लेकिन विभाग ठेकेदार से 5-5 लाइट जमा करने के लिए कह रहा है। इस पर पार्षदों ने अधिकारियों से भी आपत्ति जताई है और स्ट्रीट लाइट देने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है। इसको लेकर अधिकारियों और ठेकेदार के बीच भी खींचतान शुरू हो गई है।
सप्लाई से पहले जांच कराई जाए
पार्षद कौशल मिश्रा ने बताया कि स्ट्रीट लाइट खरीदने में ठेकेदारों ने 18 परसेंट बिलो तक टेंडर डाले हैं। ऐसे में वो अच्छी क्वालिटी लाइट कैसे सप्लाई कर सकते हैं। वहीं अब जेई कह रहे हैं कि 5 स्ट्रीट लाइट नहीं दी जाएंगी और अन्य सामान नहीं दिया जाएगा। लाइट और ड्राइवर की पहले जांच कराई जाए, इसके बाद ही स्ट्रीट लाइट लगाई जाएं।
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पूरे मामले में अधिकारियों का क्या है कहना
मामले में अपर नगर आयुक्त अमित कुमार भारतीय ने बताया कि अगर स्ट्रीट लाइट में आग पकड़ रही है। तो पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। पार्षदों के जो भी आरोप हैं उनको संतुष्ट किया जाएगा। 5-5 लाइटें जो मांगी जा रही हैं, वो इसलिए कि इमरजेंसी में लाइट की जरूरत जहां हो, वहां प्रयोग की जा सकें।
प्रत्येक वार्ड के लिए टेंडर से ये खरीदा गया
-25 एलईडी स्ट्रीट लाइट 110 से 130 वॉट तक
-30 एलईडी स्ट्रीट लाइट 75 से 90 वॉट तक
-20 एलईडी चोक (ड्राइवर) 110 वॉट
-1 बंडल तार और 20 पाइप व क्लैंप